हमे आपको यह बताते हुये हर्ष ही नही अपीतु खुशी हो रही है कि "पोन्मारी राजामणी" एक दक्षिण भारतीय मजदुर शारजँहा मे एक रेस्टोरेंट मे मा कार्यरत था, वापस सकुसल भारत पहुँच गया।
रेस्टोँरेट का मालिक इस गरिब मजदुर से बिना सेलरी का काम करवा रहा था जब राजमणी तनख्वा के लिये पुछता तो मालिक उसे मारने की धमकी देता साथ ही भारत मे इस बेचारे मजदुर के घर मे फोन करके उसके बच्चे एँव पत्नि को धमकी देता कि मै आपके पति को ये कर दुंगा ओ कर दुंगा । राजामणी वापस भारत जाना चाहता था लेकिन रेस्टोरेँट का मालिक उसे जाने नही देता । राजामणी बहुत डरा हुवा था बस किसी भी तरह से अपने वापस भारत जाने का ईंतजार कर रहा था ।
किसी से जानकारी लेते हुये यह मजदुर जब हमारे पास आया तो सबसे पहले हमने शारजँहा मे ईंडियन एशोसियसन से हेल्प की गुहार लगायी वँहा से भी जब कुछ सहयोग नही मिला तो हमने मिनिस्ट्री औफ लेबर मे कम्प्लेट दर्ज किया उसके बात और्नर को मिनिस्ट्री मे बुलाया गया और राजामणी को मिनिस्ट्री के आदेश पर विजा निरस्त करने के बाद वापस भारत भेजने को कहा गया ।
फिर भी रेस्टोरेँट के मालिक ने पासपोर्ट नही दिया फिर जा के हमने ईमिग्रेसन डिपार्टमेँट मे कोम्प्लैंट दर्ज की और फिर जा के 1 महिने बाद औनर ने उसका टिकट समेत पासपोर्ट वापस दिया ।
देर सही पर हमे खुशी है कि हमारी एक कोशिस से हम राजामणी को भारत भेजने मे सफल हुय । येसे ही न जाने कितने राजामणी है जो की मजबूरी बस मालिक की यातनाये सहते हुये यँहा पर अपना जीवन यापन कर रहे है ।
धन्यवाद !टीम समूण
28 दिसम्बर, 2015
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