Thursday 22 June 2017

बीना देवी के परिवार के लिए सहयोग के हाथ

 
 उत्तराखंड के कुमांऊ मंडल के धारचूला गाँव के पान सिंह एवं उनकी पत्नी बीना देवी और दो बच्चे पीयूष और आयुष का छोटा सा परिवार हंसी खुशी जीवन यापन कर रहे थे  |
पान सिंह एक ट्रक ड्राईवर था वह ऋषिकेश से कर्णप्रयाग और नजदीक के पहाड़ी क्षेत्रो में ट्रक से सामान पहुँचाने का काम करता था, वह अपनी पत्नी व बच्चों को भी साथ ले गया और कर्णप्रयाग के पास सिमली में कराए के कमरे में रहने लगा और पास के शिशु मंदिर में बचों को स्कूल में दाखिला करवा दिया |
हंसी खुशी दिन कट रहे थे कि 2013 में आयी आपदा में जब पान सिंह ट्रक से सामान ले जा रहे थे तो बाढ़ के पानी की चपेट में गए और ट्रक समेत नदी में बह गए | अब इस परिवार पर दुखों का पहाड़ गिर गया एक ही सदस्य घर में कमाने वाला था ओ भी चल बसा, दो छोटे छोटे बच्चे और बीना देवी अकेले रहने लगे |
बीना देवी वापस धारचुला जाना चाहती थी लेकिन वहां पर किस के सहारे जाती सास ससुर पहले ही चल बसे और जेठ जी है लेकिन वह भी बेरोजगारी और गरीबी के कारण अपने ही परिवार का भरण पोषण करने में असमर्थ है | बीना देवी ने एक हिम्मत भरा काम किया कि जिस घर में रह रही थी उसी के आगे से एक चाय की दूकान खोल दी और चाय बेचना शुरू कर दिया साथ ही आर्डर पर खाना बनाना भी शुरू कर दिया और अपने परिवार का भरण पोषण करने लगी |
बीना देवी इस दूकान को बड़ा बनाकर चलाना चाहती है लेकिन आर्थिक तंगी के कारण बस चाय बेचने तक ही सिमित रह गयी है वह भी दिन के सिर्फ 15 - 20   चाय बिकते है | बचों को इंग्लिश माध्यम स्कूल से नजदीक के सरकारी स्कूल में भर्ती कर दिए है और दिन प्रतिदिन जीवन मुस्किल होता जा रहा है | वह कुछ ग्रोसरी और  कोल्ड ड्रिंक्स का सामान दुकान में रखना चाहती है लेकिन पैसे न होने के कारण दूकान को आगे नहीं बढ़ा पा रही है |
समूण फाउंडेशन के माध्यम से हम बीना देवी का यह सपना पूरा करना चाहते है | समूण परिवार के सदस्यों ने निर्णय लिया है कि हम बीना देवी की यह दूकान अच्छा सा बनाकर उसमे डेली प्रयोग में आने वाली अधिक से अधिक सामान भरेंगे ताकि वह इस दूकान के माध्यम से अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें, साथ ही आयुष और पीयूष की पढाई हेतु आर्थिक सहयोग की भी कोशिस करेंगे |

हम हर किसी को तो सहयोग नहीं कर सकते लेकिन हम सब मिलकर किसी एक को तो सहयोग कर सकते है | 

धन्यवाद 
टीम समूण 
______________________________________________________________________
Date :- 03/09/2017
उत्तराखंड के कुमांऊ मंडल के धारचूला गाँव के पान सिंह जी की 2013 मेँ उत्तराखँड आपदा मे मृत्यु के पश्चात उनकी धर्म पत्नी बीना देवी और दो बच्चे पीयूष और आयुष बेसहारा हो गए थे और बहुत ही मुस्कील से जीवन यापन कर रहे थे ।
बीना देवी की हिम्मत और हौसले को सलाम कि उन्होने किसी के उपर निर्भर रहने की बजाय खुद ही कुछ करने की ठानी ।
आज कर्णप्रयाग के समीप सिमली के पास समूण फाउँडेशन के सहयोग से बनी दुकान और रेस्टोरेँट के माध्यम से बीना देवी अपने परिवार का भरण पोषण कर रही है और खुशी से जीवन ब्यतीत कर रही है ।

मानवता की सेवा हेतु समर्पित समूण परिवार के सद्स्योँ एँव इसके अनुयायीयोँ का धन्यवाद क्योँकि आप सभी के सहयोग से यह सँभव हो पाया है ।




Monday 12 June 2017

मानवता मेरा धर्म है (Humanity is my Religion)

मैं यों ही अपने काम से निकला था कि रास्ते मे एक गन्ने की जूस की ठेली पर जूस पीने रुक गया । वह सामने से आया और जूस की ठेली के सामने खड़ा हो गया मैन पूछा जूस पिओगे ? उसने गर्दन हिला कर हां कहा मैन जूस वाले को 2 जूस के गिलास बनाने को बोला जैसे ही वह सामने आया उससे बहुत ही बुरी दुर्गंध आ रही थी, बाल लंबे, बढ़ी हुई दाढ़ी और बहुत दिनों से भूखा । 
 मैन उसे अपनी स्कूटी में बिठाया और नाई के पास ले गया एक जगह से मना होने के बाद मैं फिर दूसरे नाई के पास ले गया उसने बाल और दाड़ी काटने के लिए हां तो कर दिया लेकिन सिर्फ मशीन से काटने को कहा । मैन कहा जैसे भी काटते हो काटो, फिर मैं दुकान से नए अंडर गारमेंट एंव नहाने की साबुन और अपने घर से अपने पुराने कपड़े ले गया ।
बाल काटने के बाद जब मैं उसे नहलाने ले गया तो बदबू के कारण वहां पर लोगो ने उसे नहलाने से मना कर दिया जब मैंने गुस्सा से बोला तो उन्होंने हां कर दिया, नहलाने के लिए जब मैंने उसके कपड़े उतारे तो देखकर आश्चर्य चकित रह गया । वह मेंटली डिस्टर्ब था और कपड़ो में ही मल मूत्र करता था जो कि पैंट से पैर के रास्ते बाहर आता था। मल पूरे शरीर पर सुख चुका था जिसे पत्थरों से रगड़ रगड़ कर निकाला गया । उसे नहलाने में मैं अकेला था और बाकी के लोग बस दूर से देख रहे थे उनमें से 1 - 2 दयालु लोग भी थे जो आगे आये और मेरा साथ दिया ।
नहलाने के बाद पता चला कि उसके सर पर एक गहरी चोट लगी हुई है, फिर मैं उसे नजदीकी क्लिनिक ले गया और चोट पर मरहम पट्टी की ।
उसे खाना खिलाया और अलविदा कह कर अपने काम पर आगे निकल गया । अपने बिजी स्कीडुल से मैने बस 2 घंटे निकले और मात्र 400 - 500 रुपये का खर्च आया । मैं उसे जादा तो नही पर कुछ दिनों के लिय नरक जैसे जिंदगी से मनुष्य जैसी जिंदगी दिलाने में सफल हुआ और उसके बाद जो संतुष्टि मिली उसे लिख नही सकता ।
आपके आस पास भी ऐसे बहुत से लोग है बस अपना एक घंटा मानवता के लिए क्योंकि मानवता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है । 

विनोद जेठुड़ी 
टीम समूण 

 





मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है

ऋषिकेश में ढालवाला के समीप तपतपाती धुप में दिन के 10 बज रहे थे | समूण टीम सदस्य Mr. Manoj Nautiyal ऑटो में बैठकर बाजार के लिए जा रहे थे कि रास्ते में उन्हें अचानक एक आदमी दिखा जिसके शरीर पर एक भी वस्त्र नहीं थे और वह बीच सड़क में लेटा हुआ था | मनोज नौटियाल जी जब 2 बजे घर वापस पहुंचे तो उन्होंने मुझे Vinod Jethuri को फ़ोन किया और इस ब्यक्ति के बारे में बताया और किसी भी तरह से उसकी सहायता करने को कहा | हमने घर से कुछ पुराने कपडे लिए और वहाँ पहुंचे जहाँ पर वह उसे सुबह के बक्त दिखे थे |
जैसे ही हम वहां पहुंचे तो देखा कि वह बीच सड़क में लेट रखा था, गाडिया किनारे से जा रही थी और कुछ लोग उसे डंडा के बल पर सड़क से किनारे कर रहे थे ताकि वह गाडी के निचे न आए | वह शारीरिक एवं मानसिक रूप से अस्वस्थ था, हम उसी वक्त उसे सड़क के निनारे ले गए एवं कपडे पहनाये और फिर पीने के लिए पानी और जूस दिया |
हमने देखा कि लोग उसे पैसे देते और चले जाते जिसे वह वहीं पर छोड़ देता और पैसे हवा से उड़ जाते । क्योंकि उसे पैसों को सँभालने तक की समझ नहीं थी, वास्तव में उसे पैसो की नहीं कपड़ो और खाने की जरुरत थी | कुछ लोगों को हमने पैसे देने के लिए मना भी किया लेकिन लोग फिर भी दिए जा रहे थे | हर कोई जरुरतमंदो की मदद करना चाहता है लेकिन यह बहुत कम लोग सोचते है कि उस ब्यक्ति को वास्तव में किस चीज की आवश्यकता है, बस पैसे देते और चले जाते है | अधिकतर लोग बिना परिश्रम के पैसो से ही अब पुन्य अर्जित करना चाहते है | सुबह से दिन के 2 बजे तक यह ब्यक्ति सड़क पर लेटा रहा पर किसी ने भी उसे एक कपड़ा पहनने की हिम्मत नहीं की | उसके हाथ बहुत जल चुके थे क्योंकि वह हाथ के बल सडक पर घिसटते हुए जा रहा था ।
हमने निर्णय किया कि इस ब्यक्ति को हर संभव मदद करेंगे, हम नजदीकी पुलिस कार्यालय (सी ओ ) ऑफिस गए और उनसे हेल्प के लिए कहा, तत्काल उन्होंने हमें 2 पुलिसकर्मी दे दिए | अब हम सबसे पहले उसे सरकारी अस्पताल में भरती करवाना चाहते थे लेकिन पता चला की मानसिक रोगियों को सरकारी हॉस्पिटल वाले भरती नहीं करते | फिर किसी ने कहा की देहरादून से आगे सिलाकुई के पास में मानसिक रोगियों के लिए हॉस्पिटल बना हुआ है आप उसे वहां ले जे जाओ लेकिन ओ लोग उसे एडमिट करेंगे की नहीं यह आपको पूछना पड़ेगा | हमने इन्टरनेट के माध्यम से ईस हॉस्पिटल के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिस की लेकिन हमें कोई भी सकारात्मक परिणाम नहीं मिले |
अब तक रात भी हो चुकी थी, हमने नजदीक के दुकानदार को रात को उसे देखने के लिय कहा और उसे खाना खिलाने के बाद अपने घर चले गए यह सोचकर कि सुबह रात खुलते हम उसे देहरादून ले जायेंगे लेकिन जब सुबह वहां पहुंचे तो वह वहां नहीं मिला |
कृपया अगर किसी को देहरादून के पास सिलाकुई में या उत्तराखंड में कहीं भी मेंटल हॉस्पिटल है के बारे में जानकारी हो और वंहा पर मानसिक रोगियों को एडमिट करने की क्या प्रक्रिया है मालूम है तो साझा करें क्योंकि शायद हम किसी और की हेल्प कर सकें |
धन्यवाद



List of Students for Scholarship - 2017

  

Sl. No. Name of Student  Age / DOB  Class  Mother Name Father Name
1 MAHESH JETHURI 17 11 MRS. DHANNA DEVI LATE VISHAMBAR SINGH
2 AMBIKA JETHURI 18 12 MRS. DHANNA DEVI LATE VISHAMBAR SINGH
3 NEERAJ JETHURI 17 10 MRS. LEELA DEVI LATE AZAD SINGH
4 RAVINDER RAWAT 18 11 MRS. MANODARI DEVI LATE GABBAR SINGH
5 NAINA RAWAT 12 7 MRS. MANODARI DEVI LATE GABBAR SINGH
6 ROBIN SINGH RAWAT 15 8 MRS. SATTI DEVI LATE SURVEER SINGH
7 DILBAR SINGH RAWAT 16 9 MRS. SATTI DEVI LATE SURVEER SINGH
8 HIMANSHU RAWAT 13 7 MRS. RAJNI DEVI LATE SURENDER SINGH
9 SONIA RAWAT 11 5 MRS. SARITA DEVI LATE CHANDER SINGH
10 SAHIL RAWAT 9 3 MRS. SARITA DEVI LATE CHANDER SINGH
11 MANISH RAWAT 15 9 MRS. KAMLA DEVI LATE JALAM SINGH
12 MANISHA RAWAT 16 10 MRS. MANJU DEVI LATE SURENDER SINGH
13 KAJAL RAWAT 17 11 MRS. MANJU DEVI LATE SURENDER SINGH
14 AADESH RAWAT 13 7 LATE ROSHNI DEVI LATE BALAM SINGH
15 GAURI RAWAT 9 3 LATE ROSHNI DEVI LATE BALAM SINGH
16 POOJA JETHURI 12 7 MRS. REKHA DEVI LATE RAJENDRA SINGH
17 GULSHAN KUMAR 12 5 MRS. KWANRI DEVI LATE ROSHAN LAL
18 RAHUL JETHURI 16 10 MRS. URMILA DEVI MR. HARPAL SINGH
19 SAPNA RAWAT 14 8 MRS. PARMESHWARI DEVI LATE MAHIPAL SINGH
20 SURAJ RAWAT 11 6 MRS. PARMESHWARI DEVI LATE MAHIPAL SINGH
21 MANISH NEGI 11 6 MRS. MANJU DEVI LATE GULAB SINGH
22 SONALI NEGI 7 3 MRS. MANJU DEVI LATE GULAB SINGH
23 PAWAN CHAHUHAN 17 11 MRS. MAHESHWARI DEVI LATE SURAT SINGH
24 SATYAM RAWAT 25/04/2012 1 MRS. NEELAM DEVI LATE RAJPAL SINGH
25 RAKHI RAWAT 12/05/2013 LKG MRS. NEELAM DEVI LATE RAJPAL SINGH
26 JITENDRA SINGH JETHURI 17 10 MRS. SUSHMA DEVI  LATE DARBAN SINGH
27 POOJA JETHURI 18 12 MRS. SUSHMA DEVI  LATE DARBAN SINGH
28 SONAM JETHURI 11 6 MRS. SUSHMA DEVI  LATE DARBAN SINGH
29 ASHOK JETHURI 10 4 MRS. SUSHMA DEVI  LATE DARBAN SINGH
30 MANGAL SINGH JETHURI 11 6 LATE BASANTI DEVI Mr. ONKAR SINGH
31 SAHIL JETHURI 12 6 JAGDESHWARI DEVI MR. MATBAR SINGH
32 SONALI JETHURI 11 5 JAGDESHWARI DEVI MR. MATBAR SINGH
33 ANJALI RAWAT 15 9 LATE SHAKUNTALA DEVI MR. MAKAN SINGH RAWAT
34 DIYA RAWAT 06/11/2008 4 MRS. GANGA DEVI LATE DEEPAK RAWAT
35 ARYAN RAWAT 15/11/2009 2 MRS. GANGA DEVI LATE DEEPAK RAWAT
36 GAURAV SINGH 04/04/2001 11 MRS. RAJNI DEVI MR. SOHAN SINGH
37 HIMANSHU RAWAT 20/01/2004 8 MRS. MAGNI DEVI LATE DALIP SINGH
38 PRIYANSHU RAWAT 04/01/2005 7 MRS. MAGNI DEVI LATE DALIP SINGH
39 PARUL RAWAT 02/10/2002 10 MRS. MAGNI DEVI LATE DALIP SINGH
40 ANCHAL JETHURI 9 4 SHAKUNTALA DEVI MR. SURAT JETHURI
41 KAJAL JETHURI 8 3 SHAKUNTALA DEVI MR. SURAT JETHURI
42 AISHWARYA 17 12