दिसम्बर और जनवरी की कडकडाती ठँड मे जँहा हम लोग अपने घरोँ मे गरम कपडो को पहने हुये रजाई और कम्बलोँ मे रहकर ठँड से बचते है, वँही हमारे बीच मे कुछ येसे भी लोग हैँ जो खुले आसमान के निचे रात गुजारने को मजबूर होते है परिणाम स्वरूप हर साल उत्तर भारत मे सैकडोँ लोगोँ को कडाके की ठँड के कारण अपनी जान गवानी पडती है जिनमे छोटे-छोटे बच्चोँ और महिलाओँ की सँख्या अधिक होती है ।
मनुष्य की तीन आधारभूत आवश्यकाताएँ होती हैं - रोटी, कपड़ा और मकान। रोटी और मकान अगर हम नही दे सकते तो घर मे पुराने या छोटे पड चुके कपडोँ को जरुरतमँदो के लिए दान करेँ ।
यदि आपके घर मे पुराने या छोटे पड चुके गर्म कपडेँ,कँबल या रजाई है जो कि प्रयोग मे नही है तो आप “समूण” सदस्योँ के लिखे नम्बरोँ पर व्ट्स अप या ईमेल के माध्यम से अपना नाम और पता भेज देँ हमारी टीम आपको सम्पर्क करेगी और आपसे यह सहयोग एकत्रित करके जरुरतमदोँ तक पहुँचायेगी ।
यदि आप नए कपडोँ व कम्बलोँ के लिये आर्थिक सहयोग करना चाहतेँ है तो आपका स्वागत है ।
धन्यवाद ।
"टीम समूण"
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