Sunday, 21 January 2018

जरूरतमंदों, असहायों एवं निर्धन लोगों को कड़कड़ाते की ठण्ड से बचने के लिए कम्बल वितरण कार्यक्रम

दिसम्बर और जनवरी की कडकडाती ठँड मे जँहा हम लोग अपने घरोँ मे गरम कपडो को पहने हुये रजाई और कम्बलोँ मे रहकर ठँड से बचते है, वँही हमारे बीच मे कुछ येसे भी लोग हैँ जो खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर होते है परिणाम स्वरूप हर साल उत्तर भारत मे सैकडोँ लोगोँ को कडाके की ठँड के कारण अपनी जान गवानी पडती है जिनमे छोटे-छोटे बच्चोँ और महिलाओँ की सँख्या अधिक होती है ।
समूण परिवार पिछले 3 सालो से लगातार नव वर्ष को “कम्बल वितरण कार्यक्रम” के रूप मे मनाती है और जरूरतमंदों, असहायों एवं निर्धन लोगों को  इस कड़कड़ाते की ठण्ड से बचने के लिए कम्बल वितरित करती है | 
इस वर्ष कम्बल वितरण कार्यक्रम समूण  परिवार की विभिन्न शाखाओ की टीमों द्वारा मकर संक्रांति के सुभ अवसर पर हरिद्वार, ऋषिकेश, देवप्रयाग,श्रीनगर तथा आस पास के क्षेत्रो में शुरू किया गया और 20 जनवरी तक यह कार्क्रम चला जिसमे बहुत से जरुरतमंदो को गरम कम्बल वितरित किए गए | इस वर्ष हमने जरुरतमंदो तक सहयोग पहुंचाने  हेतु फेसबुक और वाट्स  अप  के माध्यम से जानकारी मांगी थी जो कि  बहुत ही कारगर साबित हुयी और सच में जरुरतमंदो की जानकारी हमें मिली | 

समूण परिवार सभी दान दाताओं और इस नेक कार्य में हमें सहयोग करने वाले समस्त ब्यगतियो का ह्रदय से आभार ब्यक्त करती है | 

Samoon Foundation did his part on the occasion of Makar Sakranti to aid the needy by distributing warm wool blankets. Distribution happened in Rishikesh, Haridwar, Devprayag and remote villages near Devprayag & Haridwar. In order to contain people faking poverty, Samoon members were actively vetting prospects before handing over the blankets.

With a target of helping around 151 people who are shivering in this bone-freezing cold, we witnessed heart sinking emotions on the receiver's face, while they thanked us for this deed.
We urge all of you to contribute to our projects by donating any amount you feel fit, Because bringing a smile on a deprived face and warmth of care on an age-old body is priceless.
Thanks to all our respective donors for your kind donation.


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Wednesday, 17 January 2018

मनीषा और सरला की दुखियारी जिंदगी मे खुशी की उम्मीद




समूण परिवार द्वारा गरिब, असहाय और जरुरतमंदोँ के लिए चलाया जा रहा कँबल वितरण कार्यक्रम के दौरान दो दिब्यांगोँ के बारे मे जानकारी मिली जो कि बहुत दुखद जीवन यापन करने पर मजबूर है । समूण सदस्य अरविंद जियाल जी दोनो दिब्यांगो के बारे मे जानकारी लेने उनके घर गये और वास्तविकता देख कर आश्चर्यचकित हो कर भाउक हो गये ।
मनीषा गाँव मराड और सरला गाँव किरोड पट्टी भरपुर, ब्लौक हिंडोलाखाल, जिला टिहरी गढवाल से है । मनीषा दोनो पैरोँ से विकलाँग है और माँ जी की म्रत्यु तब हो गयी थी जब वह मात्र 3 वर्ष की थी फिर पिता ने दुसरी शादी कर ली और ततपश्चात उनकी भी म्रत्यु हो गयी । सर से माँ बाप की शाया उठने के बाद मनीषा जीने के लिए पत्थर तोड कर रोढी और बजरी बेचती है क्योंकि राशन कार्ड न होने के कारण विकलाँगता पेँशन डेढ साल से बँद है । अपना घर न होने के कारण चाचा जी ने अपना एक कमरा रहने के लिए दिया है जँहा पर न तो विजली है और बारिश के दिनो मे पानी टपकता रहता है ।
वँही सरला भी दोनो आँखो से द्रष्टीहीन है जो भी बहुत ही दुखद जीवन यापन करने पर मजबूर है । सरला जब मात्र 14 - 15 साल की थी और 6वीँ कक्षा मे पढती थी स्कूल जाने के लिए जँगलो मे बीच से घास और झाडियोँ के बीच से होकर जाना पडता था और वरसात के समय कभी आंखो मे allergy शुरु हो गयी थी तो घर वालोँ ने सोचा मामुली सी खुजली है तो इतनी परवाह नही की लेकिन यह खुजली बढती गयी, आंख से पानी आना और आंखे लाल होना शुरु हो गया फिर नजदिकी छोटे मोटे डाक्टर को दिखाया भी जिन्होने eye drops देकर कह दिया कि ठिक हो जायेगा । सरला eye drops डालती गयी और आखोँ की बिमारी बढती गयी लेकिन गरिब परिवार के पास ईतने पैसे नही थे कि किसी बडे होस्पिटल मे दिखा सके लेकिन जब तक बडे होस्पिटल मे उपचार के लिए पहुँचे तो तब तक सरला अपनी दोनो आंखे खो चुकी थी ।
समूण सँस्था के कुछ सवाल - सरकार, प्रशासन और जनप्रतिनिधियोँ से ?
1. क्या प्रशासन और सरकार के पास जिले मे रह रहे दिब्याँगो की लिस्ट है यदि है तो रुकी हुई पेँसन क्योँ बंद है ?
2. स्वास्थ्य के नाम पर गाँवो मे खुले सरकारी होस्पिटल है तो सरला की ये हालत क्योँ और इसके लिए जिम्मेदार कौन ?
3. समाज सेवा का ढोँग और जन प्रतिनिधी का चोला पहनने वाले कँहा गये ?
4. वोट के लिए यदि मीलों पैदल चलकर नेता जी गाँव - गाँव भर्मण कर सकते है तो उन्ही वोटरो मे दिब्यागोँ और गरिबोँ की सुध लेने क्यो नही ?
समूण टीम के सदस्य अरविंद जियाल जी के माध्यम से जिला अधिकारी टिहरी गढवाल को दोनो दिब्याँगो के बारे मे सुचना दी गई है लेकिन अब आवश्यक्ता है कि जिला अधिकारी महोदय मानवता के प्रति तत्परता दिखायेँ और समाज कल्याण विभाग को तत्काल रुकी हुई पेँशन को शुरु करवाने हेतु निर्देशित करेँ ।
समूण परिवार दोनो दिब्याँगो को सुखद जीवन हेतु प्रयासरत है और यदि आप दोनो दिब्याँगो के सुखद जीवन हेतु सहयोग करना चाहते हैँ तो निम्न्लिखित समूण खाते मे अपना सहयोग भेज सकते हैँ ।
BANK NAME - AXIS BANK
A/C NUMBER - 914010040541847
A/C NAME - SAMOON FOUNDATION
BRANCH -   CITY CENTRE RISHIKESH
IFSC CODE - UTIB0000156
SWIFT CODE - AXISINBB093
MICR CODE - 249211102
TEAM SAMOON - Dedicated to Humanity