17 अगस्त की बात है, अमृतसर - पँजाब मे हर दिन की तरह धीरज रावत और हरिश रावत साईकिल से ड्युटी के लिए निकले थे, लेकिन अचानक रास्ते मे पिछे से आ रही कार ने उन्हे जबरदस्त टक्कर मार दी । जिसमे दोनो धीरज रावत और हरिश रावत बुरी तरह से जख्मी हो गये । धीरज रावत को नजदिकी के. डी होस्पिटल, सेक्युलर रोड, अमृतसर मे भर्ती करवाया गया है और साथी हरिश रावत को गुरुनानक होस्पिटल अमृतसर मे भर्ती करवाया गया है ।
हरिश रावत की हालत मे थोडा सुधार है लेकिन धीरज रावत के दिमाग मे गहरी चोट लगने से दिमाग का ओपरेशन हुआ और अभी तक 17 अगस्त से कोमा मे है ।
धीरज रावत गाँव - खरसाडा, पोस्ट ओफिस - कोठी, पट्टी - पालकोट, टिहरी गढवाल से है और हरिश रावत पट्टी दोगी से है । धीरज रावत अभी मात्र 20 साल का है और अमृतसर मे किसी होटल मे काम कर रहा था ।
गरिब माता - पिता पँजाब मे ही बेटे के कोमा से बहार आने का एंतजार कर रहे है, गाँव, रिस्तेदार और सगे सम्बंधियोँ से जितना हो सकता था, 3 लाख रुपये कर्ज लेने के बाद भी होस्पिटल का बाकी बिल देने मे असमर्थ है ।
होस्पिटल के बिल का भुगतान हेतु यदि आप इस गरिब परिवार की हेल्प कर सकते हो तो शायद धीरज कोमा से बहार निकल कर सकुशल परिवार के पास वापस आ जाये ।
यदि आप सहयोग करना चाहते हो तो डाईरेक्ट होस्पिटक के बिल का भुगतान कर सकते हो और नही तो निम्नलिखित धीरज की बहन रेशमा के खाते मे अपना सहयोग भेज सकते हो ।
Bank : Punjab National Bank
Account Holder Name : Kumari Reshma
Account No. 0625000100154020
Bank : Punjab National Bank
Branch : Devprayag - Tehri Garhwal
IFSC Code : PUNB0062500
MICR Code : 249024152
अगर हेल्प न कर सको तो शेयर जरुर करना ताकि किसी को यह पुण्य अर्जित करने का अवसर मिले और जिंदगी और मौत की जँग लड रहे धीरज जीत कर वापस आये ।
धन्यवाद !
निवेदक
समूण परिवार
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मौत को मात देकर घर पहुंचे धीरज - 05/09/2017
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17 अगस्त 2017 को अमृतसर मे हुई सडक दुर्घटना मे धीरज के सर मे काफी चोट आयी थी ज़िस कारण से वह कोमा मे चला गया था जिसका बचना काफी मुस्किल था, लेकिन 15 दिनो तक जिन्दगी ओर मौत की जँग लडते हुये आखिर कार वह जीत कर वापस घर मे आ गए है ।
आप सभी लोगोँ की दुवाओँ के फलस्वरुप आज धीरज अपने परिवार के पास है ।
समूण परिवार के सदस्योँ ने रुपये 19,000 /- की एक छोटी सी सहायता धीरज भाई के ईलाज के लिये प्रदान किए ।
आर्थिक सहयोग करने वाले सभी सदस्योँ का धन्यवाद ।
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17 अगस्त 2017 को अमृतसर मे हुई सडक दुर्घटना मे धीरज के सर मे काफी चोट आयी थी ज़िस कारण से वह कोमा मे चला गया था जिसका बचना काफी मुस्किल था, लेकिन 15 दिनो तक जिन्दगी ओर मौत की जँग लडते हुये आखिर कार वह जीत कर वापस घर मे आ गए है ।
आप सभी लोगोँ की दुवाओँ के फलस्वरुप आज धीरज अपने परिवार के पास है ।
समूण परिवार के सदस्योँ ने रुपये 19,000 /- की एक छोटी सी सहायता धीरज भाई के ईलाज के लिये प्रदान किए ।
आर्थिक सहयोग करने वाले सभी सदस्योँ का धन्यवाद ।