समूण फाँउडेशन द्वारा विध्यार्थी मार्गदर्शन शिविर एवं छात्रविर्ती वितरण कार्यक्रम का आयोजन 12 दिसम्बर, 2017 को ओंकारानंद सरस्वती राजकीय महाविद्यालय देवप्रयाग, टिहरी गढवाल मे किया जा रहा है । विध्यार्थियोँ के शारीरिक, मानसिक, बौदिक एँव आध्यात्मिक विकास व नैतिक निर्माण के साथ रोजगार के लिये समुचित मार्गदर्शन एँव सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से इस शिविर का आयोजन किया जा रहा है ।
प्रोफेसनल काउँसलरोँ के साथ समूण की 5 सदस्यी टीम इस शिविर मे अपना सहयोग प्रदान करते हुये विध्यार्थियोँ का मार्गदर्शन करेगी ।
18 चयनित आर्थिक रुप से कमजोर व मानसिक रुप से प्रबल विध्यार्थियोँ की एक साल की पढ़ाई का सम्पूर्ण खर्च समूण परिवार छात्रविर्ती के रूप में प्रदान करेगी एवं आगे भी कोशिस करेती रहेगी ।
आप समूण द्वारा आयोजित इस शिविर को सफल बनाने हेतु अपना सहयोग प्रदान कर सकतेँ है । सभी सामर्थ्यवानोँ से विनम्र निवेदन है कि वे अपने प्रतिभा व क्षमता के अनुसार विध्यार्थियोँ के उज्ज्वल भविष्य हेतु अपना योगदान देने का शुभ सँकल्प लेँ ।
मनुष्य को सामाजिक प्राणी माना गया है। उससे समाज बनता भी है और मनुष्य समाज का ऋणी भी है। समाज से ही सीखकर वह अपनी कीमत बनाता है। मनुष्य ऋणी है तो वह अपने इस ऋण को चुकाने के लिए अपनी वृत्ति में दान भाव को जागृत करे। जैसे-जैसे वह किसी से ले रहा है, वैसे-वैसे वह उसी को लौटाने का भी प्रयत्न करे।
गीता में दान के कई प्रकार बताये गये हैं जिनमें नि:स्वार्थ भाव से किया गया दान सर्वोत्तम माना गया है। लेकिन सभी प्रकार के दानों में विद्या का दान सर्वश्रेष्ठ बताया गया है।
चिड़ी चोंचभर ले गई नदी न घट्यो नीर।
दान दियो धन न घटे, कह गए दास कबीर॥
"टीम समूण"
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