Saturday 14 July 2018

जरुरतमॅँद की मदद ही हमारा मकसद


हम "समूण परिवार" सदैव ही मानवता की सेवा में विश्वास रखते हैं और जरूरतमंदों की मदद हेतु हर संभव प्रयासरत रहते हैं । आज दिनांक 14 जुलाई 2018 को सुबह इस भाई को देवप्रयाग से श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग 58 पर पैदल चलते हुए देखा तो समूण परिवार के सदस्य Arvind Jiyal और Arvind King ने जब पास जाकर कारण पूछा तो पता चला है कि किसी ने उनका पर्स चोरी कर दिया है और जिस कारण से उनके पास न तो खाने के पैसे हैं और ना ही बस का किराया देने के लिए पैसे इसलिए अपने गंतब्य तक पैदल चलने को मजबूर है । 
समूण परिवार के दोनों विद्यार्थी सदस्यों ने अपने जेब खर्च में से श्रीनगर तक का किराया और खाना खिलाकर इस भाई की मदद की ।

चोरी-चकारी लूट-लपेटी, कुछ निकम्मों का पेशा बन गया है
जो दूसरों को कष्ट देकर खुद ऐसो आराम करने लग गया है ।
अरे मत भूल कि तेरा भी एक दिन निसाब होगा उस अदालत में
जहां तेरी लूटी हुई चीज़ों का हिसाब लिख दिया गया है ।।

समूण परिवार
मानवता की सेवा हेतु समर्पित

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