जिंदगी और मौत की जंग लड रहे हेमंत सिँह बिष्ट की यह बदनसिबियत थी कि उनकी शकल एक येसे आदमी से मिलती है जिसको मारने के लिए किसी ने सुपारी दे रखी थी और सुपारी लेने वाले ने हेमंत के उपर गोली चला दी | हेमंत अभी विंटीलेटर पर थे और उनकी स्तिथी बहुत नाजुक बनी हुई थी |
दोषियोँ को सजा मिले इसलिए दिल्ली मे रह रहे सभी प्रवासी उत्तराखंडियो से निवेदन किया कि एकता का परिचय दे और हेमंत को नयी जिंदगी देने के लिए लिए सहयोग के हाथ बढायेँ ।
हेमंत बिष्ट अल्मोडा उत्तराखँड के रहने वाले है और फरिदाबाद दिल्ली मे एक छोटा सा ढाबा चला कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे थे | आप हेमंत के पिताजी से उनके द्वारा लिखे गए निवेदन पत्र में दिए गए नंबर पर बात कर सकते है |
३० मार्च २०१९ को हेमंत जी हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हो कर सकुशल घर वापस आ गए है | हम हेमंत जी की कामना करते है |
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