Sunday 21 July 2019

12/03/2019 को हमसकल होने की सजा भुगतनी पडी हेमंत विष्ट को

जिंदगी और मौत की जंग लड रहे हेमंत सिँह बिष्ट की यह बदनसिबियत थी कि उनकी शकल एक येसे आदमी से मिलती है जिसको मारने के लिए किसी ने सुपारी दे रखी थी और सुपारी लेने वाले ने हेमंत के उपर गोली चला दी | हेमंत अभी विंटीलेटर पर थे और उनकी स्तिथी बहुत नाजुक बनी हुई थी |

दोषियोँ को सजा मिले इसलिए दिल्ली मे रह रहे सभी प्रवासी उत्तराखंडियो से निवेदन किया  कि एकता का परिचय दे और हेमंत को नयी जिंदगी देने के लिए लिए सहयोग के हाथ बढायेँ ।

हेमंत बिष्ट अल्मोडा उत्तराखँड के रहने वाले है और फरिदाबाद दिल्ली मे एक छोटा सा ढाबा चला कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे थे | आप हेमंत के पिताजी से उनके द्वारा लिखे गए निवेदन पत्र में दिए गए नंबर पर बात कर सकते है |
३० मार्च २०१९ को हेमंत जी हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हो कर सकुशल घर वापस आ गए है | हम हेमंत जी  की कामना करते है | 

समूण परिवार
मानवता की सेवा हेतु समर्पित





 

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