Saturday, 17 August 2019

समूण फाउंडेशन द्वारा "समूण वाटिका" मे पौधरोपण - 11/08/2019

उत्तराखंड के लोकगायक और गढरत्न नरेंद्र सिंह नेगी जी के जन्मदिन के शुभ अवसर पर दिनांक 11/08/2019 को नीमबीच तपोवन, ऋषिकेश में वृहद स्तर पर पौधरोपण किया गया | यंहा पर समूण संस्था के माध्यम से एक "समूण वाटिका" का निर्माण किया गया है जिसे "समूण वन" के रूप में विकसित करने हेतु समूण संस्था प्रयासरत है | इस पौधारोपण कार्यक्रम में समूण फाउन्डेशन की टीम के साथ साथ क्षेत्र के पर्यावरण प्रेमियों ने भी भाग लिया और पौधारोपण किया और साथ ही लोकगीतों के माध्यम से पर्यावरण को बचाने की गुहार लगाई गयी |

समूण फाउंडेशन पर्यावरण सरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारियोँ के निर्वाहन स्वरुप हर वर्ष “पेडोँ से है रिश्ता हमारा” कार्यक्रम के तहत सैकडोँ पौधोँ का पौधा रोपण करती है और पेड बनने तक देखभाल हेतु हर सम्भव प्रयासरत रहती है । इस साल के वृक्षारोपण कार्यक्रम के पहले चरण मे दिनाँक 21/07/2019 को हरिद्वार के विवेक विहार सोसाईटी के अंदर पार्को और गलियोँ मे वृक्षारोपण किया गया और दुसरे चरण मे दिनाँक 11/08/2019 को ऋषिमुनियोँ की तपस्थली ऋषिकेश के समीप “तपोवन” नामक स्थान पर पौधरोपण किया गया ।

















































Thursday, 1 August 2019

पर्यावरण सरक्षण हेतु पेडोँ से है रिश्ता कार्यक्रम के तहत "पौधारोपण"

समूण फाउंडेशन पर्यावरण सरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारियोँ के निर्वाहन स्वरुप हर वर्ष “पेडोँ से है रिश्ता हमारा” कार्यक्रम के तहत सैकडोँ पौधोँ का पौधा रोपण करती है और पेड बनने तक देखभाल हेतु हर सम्भव प्रयासरत रहती है । इस साल के वृक्षारोपण कार्यक्रम के पहले चरण मे दिनाँक 21/07/2019 को हरिद्वार के विवेक विहार सोसाईटी के अंदर पार्को और गलियोँ मे वृक्षारोपण किया गया और दुसरे चरण मे दिनाँक 11/08/2019 को प्रात: 10 बजे ऋषिमुनियोँ की तपस्थली ऋषिकेश के समीप “तपोवन” नामक स्थान पर पौधरोपण किया जायेगा और इस जगह को "समूण वन" के नाम से विकसित करने का लक्ष्य है । वन विभाग के साथ मिलकर एक बजँर भुमी का चयन किया गया है जिसमे विभिन्न प्रजातियोँ के पौधोँ जैसेँ फल, औसधियोँ, फुलोँ, घास, छयादार और सजावटी एत्यादि प्रजातियोँ के पौधोँ का पौधारोपण किया जायेगा । कुछ वर्षो तक लगातार इस बजँर भुमी मे पौधारोपण किया जायेगा और इन पौधोँ के पेड बनने के पश्चात किसी नई बजँर भुमी को वन भुमी मे परिवर्तित करने का लक्ष्य रहेगा इस तरह से छोटे छोटे वनो को “समूण वनो” के रुप मेँ विकसित करने का लक्ष्य है ।

विकास के नाम पर सड़कों, पुलों और शहरों को बसाने के लिये अन्धाधुन्ध वृक्षों की कटाई की जा रही है, नदियों पर बाँध बनाकर नदियों के प्रवाह को अवरुद्ध करने के साथ ही अनियोजित खनन को बढ़ावा दिया जा रहा है। वर्तमान विश्व की पर्यावरण की अधिकतर समस्याओं का सीधा सम्बन्ध मानव के आर्थिक विकास से है क्योंकि शहरीकरण, औद्योगीकरण और प्राकृतिक संसाधनों के विवेकहीन दोहन के परिणामस्वरूप पर्यावरण पर बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। पर्यावरण अवनयन की बढ़ती दर के कारण पारिस्थितिकी तंत्र लड़खड़ाने लगा है। आज विश्व के सामने ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याएँ चुनौती के रूप में खड़ी हैं, इसलिए प्रत्येक नागरिक का कर्त्तव्य है कि वह अपने जीवन में एक पौधा अवश्य लगाए और पेड बनने तक उसकी देखभाल करेँ । आज हम स्वार्थ के लिए पेड़ तो काटते है लेकिन लेकिन पेड़ लगाना भूल जाते है ।

आप सभी से सहयोग की अपील की जाती है कि इस वृक्षारोपण कार्यक्रम में शामिल होकर एक पौधा अवश्य लगाऐं और यदि आप फिजिकल रूप से हमें इस प्रोजेक्ट में सहयोग नहीं कर सकते तो एक पौधा के लिए 250/- रुपये का धनराशी दान देकर अपने नाम से या अपने किसी परिवार के सदस्योँ के नाम से इस “समूण वन” मे एक पौधा लगवा सकते है | आपके नाम से उस पौधा को लगाया जाएगा और उसकी फोटो आपके साथ साझा किया जाएगा साथ हि उस पौधे की पेड बनने तक आप उपडेट पा सकते है ।

धन्यवाद !
समूण परिवार पर्यावरण सरक्षण की दिशा मे कार्यरत








Wednesday, 24 July 2019

बेटे की आकस्मिक म्रत्यु के पश्चात आग लगने से झुलसी विकलांग विटिया की विधवा माँ गंगोत्री देवी - 23/07/2019

पति की म्रत्यु के पश्चात किसी तरह से गँगोत्री देवी अपने पुत्र के भरोशे यह आशा लगाये बैठी थी कि मेरा बुढापे का सहारा बनेगा और विकलाँग बेटी की भी देख रेख करेगा लेकिन नियती को कुछ और ही मंजुर था कि 1 साल बेटे 26 वर्ष का जवान पुत्र की आकश्मिक म्रत्यु हो गयी । अपनी विकलाँग बेटी के साथ गरिबी, लाचारी और बेबसता का जीवन जी रही गँगोत्री देवी के घर मे कुछ दिन पहले आग लगने से गँगोत्री जी बुरी तरह से जल गयी । जिस घर मे गँगोत्री देवी और विकलाँग विटिया रह्ती है वह भी जर्जर स्तिथी मे है जिससे आजकल बरसात के समय पानी टपकता रहता है । गंगोत्री देवी मूल रूप से गाँव चौंड, पट्टी और पोस्ट ओफिस भरपुर, जिला टिहरी गढवाल की मूल निवासी है ।

विकलाँगता और वृद्धावस्था पेंशन भी पिछले 1 साल से बंद पडी है जिसे शुचारु रुप से शुरु करने के लिए समूण परिवार के सदस्य नरेंद्र सिँह जी एँव अरविंद जियाल जी आज दिनाँक 24/07/2019 को सम्बंधित विभागो के मुख्यालयोँ नई टिहरी एँव नरेंद्र नगर के लिए निकलेँ है और गँगोत्री देवी एँव विकलाँग बिटिया के बेहतर जीवन यापन हेतु हरसम्भव प्रयासरत है ।

आपका स्वागत है यदि आप इस परिवार की सहायता करना चाहते है ।

समूण परिवार
मानवता की सेवा हेतु समर्पित



एक जोड़ी जुता पाकर खुशी खुशी स्कूल जाता बच्चा - 21/07/2019

कुछ परिवार ऐसे भी है जो वास्तव में है तो आरक्षित वर्ग लेकिन कभी उसका लाभ नहीं उठा पाते क्योंकि वह निम्न स्तर का जीवन यापन कर रहे हैं और हमेशा उसी निम्न स्तर में अपने जीवन को त्याग देते हैं | 

हम जिस परिस्थितियों में रहते हैं तो सोचते हैं कि सभी उस तरह की परिस्थिति में होंगे लेकिन एक ऐसी दुनिया जिसे हम कभी देखते ही नहीं है क्योंकि हम अपने स्वार्थ के वातावरण से बाहर ही नहीं निकलते लेकिन जब हम बाहर निकलते हैं और विषम परिस्थितियों में जी रहे लोगों को देखते हैं तो मन में एक दया भाव जाग उठता है फिर हम सोचते हैं ईश्वर ने जो हमें दिया वह कम नहीं है किसी किसी को तो यह भी नसीब नहीं होता...
  जब वह बालक मुझे अपने गांव में देखता है एक आशा की किरण उसकी आंखों में चमक उठती है, उसका कोई भाई आज यहां आया हुआ है वह तेजस्वी आंखों की चमक के साथ विनम्रता से प्रणाम करता है ,मैं भी उसे स्वीकार करते हुए उसका हालचाल पूछता हूं वह बड़ी चंचलता मगर गंभीर तरह से मेरे प्रश्नों का उत्तर देता है तब मैं उसकी पढ़ाई के बारे में पूछता हूं तो वह कहता है सब ठीक चल रहा है और मन ही मन या फिर यूं कहें इशारे ही इशारे में अपनी मां की ओर देखता है, कौतूहल बस मैं उसे पूछता हूं आजकल स्कूल जा रहे हो क्या ? फिर वह अपनी मां की ओर देखता है, उसकी मां कहती है कि इस ने आजकल मेरी जान खा रखी है कहता है, जब तक जूते नहीं लाओगे तो स्कूल नहीं जाऊंगा.. 
  अब मेरे मन में स्थिति पैदा होती है क्या उसे पैसे दे दूं.. क्या यह उचित रहेगा ? अचानक मेरा हाथ मेरे जेब में जाता है.. तभी मेरा मस्तिष्क कहता है कि नहीं, जूते भेजना उचित रहेगा... फिर मैं उससे वादा करते हुए ,उसके गांव जूते भेज देता हूं.. कल से वह खुशी खुशी इतराते हुए विद्यालय जाएगा... 

बात बहुत छोटी थी, मगर उसके मायने बहुत बड़े..

अरविंद जियाल
समूण परिवार


समूण टीम के गाइडेस में स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से संपन्न हुआ संजय जी की पत्नी का इलाज - 06/07/2019

यह जरुरी नही कि हर हेल्प सिर्फ पैसोँ से ही की जाय बल्कि कभी कभी आपका सही मार्गदर्शन और उसके साथ उसके दुख मे खडे होने की हिम्मत भी जरुरतमंद को उस दुख से निपटने मे कारगर साबित होता है ।

सजयँ जी बहुत परेशान थे अपनी वाईफ के ईलाज के चक्कर मे और उन्होने देहरादुन के लगभग सभी बडे होस्पिटल के चक्कर काटे लेकिन कहीँ से कोई आसार न दिखे फिर समूण पेज के माध्यम से समूण फाउंडेशन को सम्पर्क करने के बाद समूण टीम के सही मार्गदर्शन और हौसला से सँजय जी की वाईफ का ईलाज एम्स रिशिकेश मे स्वास्थ्य कार्ड से फ्री मे सम्मनन्न हुआ ।

हम सजयँ जी की वाईफ के सुखद जीवन की कामना करते है ।

समूण परिवार
मानवता की सेवा हेतु समर्पित