Monday, 22 June 2020

उत्तराखँड आपदा के बाद बीना देवी की मदद

उत्तराखँड आपदा मे पति की म्रत्यु के पस्चात बीना देवी के उपर जैसे गमोँ का पहाड गिर पडा था लेकिन समूण फाउंडेशन के सहयोग से जो छोटी सी दुकान एँव रेस्टोरेंट खोला गया था के माध्यम से अपने 2 बच्चोँ की पढाई का खर्च एँव पालन पोषण कर रही है ।

समूण परिवार
मानवता की सेवा हेतु समर्पित

प्रीती बडोनी की मदद हेतु गुहार

प्रीती बडोनी जब कक्षा 12वीँ मेँ पढती थी तो इक दिन घास लेंने गयी थी और घास काटते समय पेड से गीर गयी और स्पाइनल कॉर्ड मे चोट लगने से दोनो पैरोँ ने काम करना बंद कर दिया, जिससे प्रिती एक अमानवीय जीवन जीने पर मजबूर है ।

बुजुर्ग पिता के अलावा माँ बहन भाई कोई भी नही है । जिस कमरे से प्रीती वील चेयर के माध्यम से बहार आ रही है उस कमरे तक ही प्रीती की जिंगदी समेट कर रह गयी । प्रीती की सगाई हो रखी थी और पढने मे अब्बल थी, प्रीती ने भी बडे बडे सपने और ख्वाब देखे थे लेकिन आज --------

दिनाक 29.11.2019 को "समूण टीम" भुली प्रीती बडोनी को मिलने उनके गाँव बुडकोट, पोस्ट ओफिस - ललुडीखाल नजदीक हिंडोलाखाल, टिहरी गढवाल पहुँची और कुछ खाद्य सामग्री प्रदान की ।

क्या हम प्रीती को एक बार पुन: किसी किसी अच्छे होस्पिटल मे दिखा सकते है ?
बेहतर जीवन यापन के लिए हम प्रीती के लिए क्या कर सकते है ?

क्रिपया सुझाव देँ और इस पोस्ट को अधिक से अधिक #SHARE करेँ ।

यदि आप प्रीती के लिए कुछ आर्थिक सहायता देना चाहते है तो आपका स्वागत है ।
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कडकडाती ठँड मे गरम कपडो का वितरण

दिसम्बर और जनवरी की कडकडाती ठँड मे जँहा हम लोग अपने घरोँ मे गरम कपडो को पहने हुये रजाई और कम्बलोँ मे रहकर ठँड से बचते है, वँही हमारे बीच मे कुछ येसे भी लोग हैँ जो खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर होते है परिणाम स्वरूप हर साल उत्तर भारत मे सैकडोँ लोगोँ को कडाके की ठँड के कारण अपनी जान गवानी पडती है जिनमे छोटे-छोटे बच्चोँ और महिलाओँ की सँख्या अधिक होती है ।

समूण परिवार पिछले 5 सालो से लगातार नव वर्ष को “कम्बल वितरण कार्यक्रम” के रूप मे मनाती है और उस परमपिता परमात्मा से सभी के कुशलता की कामना करती है ।

नव वर्ष के जश्न मे जँहा हम हजारोँ रुपये पार्टी मे खर्च कर देतेँ है वँही यदि हम किसी जरुरत्मंद को एक कँबल भेटँ करेँ तो उस जरुरतमंद द्वारा मिली दुवाओँ के फलस्वरुप अवश्य ही आपका नव वर्ष सुखमय होगा ।

आईये इस आगामी नव वर्ष के सुभ अवसर पर किसी जरुरत्मंद को एक कम्बल दान करेँ । एक कम्बल का मुल्य रुपये 250/- है | यदि आप एक कम्बल दान करना चाहते हो तो रुपये 250 /- समूण खाते मे ट्रांस्फर कर सकते है और हम आपकी तरफ से यह कम्बल जरुरत्मंद तक पहुँचायेँगे ।

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राजकीय प्रार्थमिक विध्यालय एँव राजकीय उच्चतर माध्यमिक विध्यालय कोटी भरपूर

राजकीय प्रार्थमिक विध्यालय एँव राजकीय उच्चतर माध्यमिक विध्यालय कोटी भरपूर के विध्यालयोँ की जर्जर ईमारत के माध्यम से जिला अधिकारी महोदय को एक पत्र प्रेषित किया गया था, जिसके सम्बंध मे प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है । आशा करते है कि यथा शिघ्र इन विध्यालयोँ की मरमत की जायेगी ।

आगे भी इसी तरह से समूण फाउंडेशन विद्यार्थियों और समाज के हितार्थ अपनी आवाज उठाता रहेगा ।

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गंगोत्री देवी जी के घर के पुनर्निर्माण हेतु मदद

गंगोत्री देवी जी के घर के पुनर्निर्माण के के लिए उनके खाते में ₹41,000/- ट्रांसफर कर दिए गए है ।
बहुत जल्द घर के पुनर्निमाण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा ।

समूण परिवार के सदस्यों एवँ अनुयायियों के साथ साथ आदर्श ग्राम सभा किरोड के द्वारा ₹16000/- डायरेक्ट ट्रांसफर किये गए ।


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ग्राम पलीपुर भरदार जिला रुद्रप्रयाग निवासी दौलत राम भट्ट की मदद

ग्राम पलीपुर भरदार जिला रुद्रप्रयाग निवासी दौलत राम भट्ट जिनकी उम्र 31साल है व बेहद गरिब व असहाय हैं व विगत 2 वर्षों से मलत्याग करने वाले अंग के बगल से पस्स रिसाव से पीड़ित हैं व अत्यंत कष्टमयी जीवन यापन कर रहे हैं, बस में परिचालक के रूप में कार्य करने वाले व बस में ही जीवनयापन कर रहे थे, कोई परिवार या मददगार न होने की वजह से वो असहाय पीड़ा सह कर पेन किलर्स के सहारे जैसे तैसे जीवन काट रहे थे, लेकिन 15/11/19 को इन्हें इनके कुछ जानकर लोगों व समूण फाउंडेशन के सहयोग से इनके ऑपरेशन हेतु हिमालियन हॉस्पिटल में एडमिट करवा दिया है, जहां सर्जन डॉक्टर ने इनके जटिल ऑपरेशन की बात कही है जिसमे इनके ओपरेशन व उसके उपरांत दवाइयों और ड्रेसिंग का खर्च लगभग ₹50000/- अनुमानित हैं। 

हमे आपको बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि कल जिस असहाय पेशेंट दौलतराम भट्ट को उनके परिचितों व समूण फाउंडेशन द्वारा हिमालियन हॉस्पिटल जोलीग्रांट में एडमिट करवाया था, उनका आज ऑपरेशन किया जा चुका है, खून की कमी के कारण पेशेंट को 2 यूनिट ब्लड भी चढ़ाया गया, ऑपरेशन में मरीज के अमाशय से फ़्यूसटूला निकाला जा चुका है, व मरीज अभी स्थिर हालात में है, निकाले गए फ़्यूसटुला को सघन जांच हेतु भेजा गया है जहां से इसके बनने की वजह व भविष्य में पुनः बनने की संभावना व अमाशय में ओर फ़्यूसटुला होने आदि की जानकारी मिलेगी, व जांच के अनुसार आगे का इलाज होगा, तब तक मरीज हॉस्पिटल में ही एडमिट रहेगा। हम आशा करते हैं कि मरीज को आज उसकी 2 वर्ष पुरानी बेइंतहां पीड़ा से मुक्ति मिल गयी है, अब कुछ महीने की दवाइयां और ड्रेसिंग्स से पीड़ित भी एक सामान्य जीवन जी सकेगा। हालांकि अभी मरीज के पूर्ण ईलाज हेतु आवश्यक धनराशि एकत्रित नही हो पाई है, किंतु हमे पूर्ण विश्वास है कि फेसबुक और whatsapp के माध्यम से हमे जिस तरह आश्वाशन मिल रहे हैं व आप सबके सहयोग से समूण फाउंडेशन इनके ईलाज के लिए आवश्यक धन एकत्र करने में सफल होगी। अब तक इस पेशेंट के लिए सांत्वना , शुभकामना व सहयोग देने वाले आप सभी का धन्यवाद💐.

नगद सहयोग राशि का विवरण निम्नलिखित है।
नाम सहयोग राशि।
01) विशम्भर दत्त भट्ट, देहरादून। 15000/-
02) प्यारी देवी सकलानी, ऋषिकेश 5000/-
03) किशन लाल भट्ट। मुनिकीरेती। 5000/-
04) समा थपलियाल, ऋषिकेश। 4000/-
05) मीनाक्षी जोशी, ऋषिकेश। 2000/-
06) रेखा उनियाल, श्रीनगर गढ़वाल 1000/-
07) रेखा कपूरवान, खोला मुसमोला। 1000/-
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कुल नदग प्राप्त हुई दान राशि = 33000/-
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इसके अलावा इनके ईलाज के लिए हमे कई दानकर्ताओं द्वारा लगभग ₹3500/- समूण के बैंक अकाउंट में भी प्राप्त हो चुके हैं। 


ACCOUNT DETAILS
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BRANCH : CITY CENTRE RISHIKESH
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Wednesday, 17 June 2020

निस्वार्थ भाव से की गई सेवा ही परम धर्म है

यह व्यक्ति आज से लगभग 11 दिन पहले गौरी के पास गणेश मंदिर के बाहर अत्यंत गंभीर अवस्था में पड़ा हुआ था। फिर हमारी समिति को इसकी सूचना मिली। तब हम वहां गए तो वहां के आस पास के लोगों ने बताया कि यह व्यक्ति यहाँ पिछले 4 से 5 दिनों का भूखा प्यास डला हुआ है।। जब हमनें देखा तो वो लगभग मृत अवस्था में ही था बस उसकी सांसें चल रही थी। उसके पूरे शरीर पर कीड़े रेंग रहे थे तथा उसके जगह-जगह पर गलाव पड़ गया था। एवं मल-मूत्र के कारण पीछे का हिस्सा सड़ गया था। तब हम इनको अपने समिति के उपचार केंद्र पर लेकर गए। फिर आगे क्या हुआ यह आप वीडियो में देखें। 


आपसे हमारा हाथ जोड़कर निवेदन है कि कृपया इस वीडियो को पूरा जरूर देखें। क्योंकि यह वीडियो हमने फेमस होने के लिए नहीं बनाया है बल्कि आज कल के लोगों के अन्दर की इंसानियत मरती जा रही है। इस वीडियो के जरिये हमारा मकसद उनके अंदर इंसानियत जगाना है। और हमें पूरा यकीन है कि यह वीडियो देखने के बाद आजकल के लोगों के अंदर की सोयी हुयी इंसानियत जरूर जागेगी। कृपया एक बार जरूर-जरूर देखें।

 

समूण परिवार
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शेर सिंह की मदद के लिए आगे आया समूण फ़ाउंडेशन

शेर सिंह जी दीपावली के दिन तीन धारा से अपने घर डोभ जा रहे थे कि रास्ते में अचानक चलती गाडी से सडक पर गिर गये जिससे उनके सर पर काफी गम्भीर चोटें आई हैं । प्रार्थमिक उपचार के लिए देवप्रयाग सरकारी स्वास्थ्य केंद्र मे ले जाया गया जहाँ से ऋषिकेश एम्स और फिर एम्स मे भी एडमिशन न मिलने के कारण कैलाश अस्पताल देहरादून के आई सी यू विभाग मे भर्ती करवाए गये है और उपचाराधीन है ।  
बुजुर्ग माँ बाप व भाई काफी गरीब परिवार से होने के कारण ईलाज करने में असमर्थ है जिससे परिवार ने बेटे के ईलाज के लिए मदद हेतु निवेदन किया है । कैलाश होस्पिटल ने इलाज का अनुमानित खर्च 3 लाख 50 हजार बताया है । बुजुर्ग माँ बाप का रो रो कर बुरा हाल है और वह अपने बेटे को बचाने हेतु सभी से मदद की गुहार लगा रहेँ है ।

शेर सिंह पुत्र श्री रतन सिंह ग्राम डोभ पो.ओ. खरसाडी, पट्टी भरपूर का मूल निवासी है जो कि अत्यंत गरीब परिवार से differently abled व्यक्ति है, अपनी रोजी रोटी के लिए तीन धारा में बर्तन माँजकर अपने बृद्ध माता पिता के साथ जीवन यापन करता था । 

शेर सिंह जी आज कैलाश हॉस्पिटल देहरादून से स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो गए हैं । समूण परिवार के सदस्यों और अनुयायियों की ओर से आज दिनांक 9/11/2019 को डिस्चार्ज के समय स्वयं हॉस्पिटल में जाकर रुपये 13,000/- का कैश भुगतान किया गया, जबकि रुपये 1000 डाइरेक्टली परिवार के एकाउंट में ट्रांसफर किये गए ।
समूण परिवार लगातार परिवार के संपर्क में था और मेडिकल सपोर्ट हेतु हर संभव प्रयासरत था । समूण परिवार द्वारा क्षेत्रीय विधायक और कृषि मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री राहत कोष से भी सहायतार्थ हेतु कोशिश जारी है और हमें पूर्ण विश्वास है कि हम इस कोशिश में सफल होंगे और परिवार को सरकार से भी हेल्प मिलेगी ।

हम शेर सिंह जी के सुखद जीवन की कामना करते हैं और आगे भी हर संभव प्रयासरत हेतु वचनबद्ध है साथ ही समूण परिवार उन सभी सदस्यों एवं दानदाताओं का आभार प्रकट करती है जिन्होंने इस कठिन घड़ी में शेर सिंह जी के इलाज के लिए एक छोटी सी धनराशि दान स्वरूप प्रदान की |
 







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Saturday, 13 June 2020

अभिषेक के इलाज के लिए समूण फाउंडेशन द्वारा सहायता

इंसानियत ओर परोपकार 2 ऐसे शब्द जिससे सभी लोग भलीभांति परिचित है और शायद इनका कहीं ना कहीं इस्तेमाल भी करना चाहते है । इस आधुनिकता के युग मे बहुत सी संस्थाए इन क्षत्रो मैं कार्यरत भी है, इन्ही संस्थाओं मे से एक है समूण फाउंडेशन जिसका मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के हर वर्ग के लोगो की सहायता करना है फिर चाहे राशन वितरण हो या मेडिकल के क्षेत्र में किसी को हेल्प करना पड़े सब कुछ करने को हर संभव तत्पर रहते है। इसका एक छोटा सा उदहारण मात्र है, छोटे से बेटे अभिषेक का किस्सा जो इंसानियत और परोपकार जैसे शब्दो के साथ समूण फाउंडेशन का एक मजबूत रिश्ता जाहिर करता है। अभिषेक का मुद्दा श्रीमती रुचि देवी जी के माध्यम से प्राप्त हुआ, श्रीमती रुचि देवी जी जो कि ग्राम प्रधान है (ग्राम पंचायत बमाणा, विकासखंड देवप्रयाग, उत्तराखंड ) से समूण फाउंडेशन को एक पत्र के माध्यम से इस छोटे से बच्चे के दर्द का एहसास और माँ बाप की विवशता से अवगत करवाया। 

अभिषेक की उम्र 1 वर्ष 6 महीने पुत्र श्री केदार सिंह (मूल निवासी ग्राम :- सज्वाण गांव, पोस्ट ऑफिस :- खरसाडी, जिला :- टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड हाल निवासी :- अमृतसर, पंजाब जिसके पिता का मूलतः व्यवसाय होटल की नौकरी थी, परंतु इस महामारी के समय लॉकडाउन के कारण नौकरी भी नहीं रही इसलिय इस परिवार की स्तिथि बहुत खराब हो चुकी थी। इस परिवार के पास दूसरे राज्य में रहने और खाने की एक विकट समस्या उत्पन्न हो चुकी थी । ऐसे वक्त में अभिषेक जिसकी उम्र मात्र डेढ़ वर्ष की है जन्मजात एक बीमारी की वजह से परेशान था, इस संकट के समय में एक रात अचानक से अभिषेक का पूरा शरीर में सूजन आ चुका था और अब वो दर्द से रोने लगा पूरी रात दर्द से काटनी पड़ी। अभिषेक के माता पिता को कुछ समझ नही आ रहा था कि क्या हुआ, हालाँकि उन्हें इतना तो मालूम था कि अभिषेक को जन्म से ही किडनी मैं कुछ शिकायत है । खैर किसी तरीके से अपने दोस्तों और जानकारों से 70 हजार रुपये का कर्ज लेकर केदार सिंह जी ने अपने बेटे का इलाज भी करवा दिया। परंतु इलाज के बाद भी बीमारी ज्यों की त्यों बनी रही। पहले से ही परेशानी झेल रहे केदार सिंह जी के समक्ष अब समस्या विकट होती चली गयी एक तो नौकरी नही रही ऊपर से कर्ज और हो गया और बेटे की हालत भी जैसे के तैसे ही बनी हुई थी । तब ये मुद्दा समूण परिवार के समक्ष आया । समूण परिवार के सदस्यों ने तुरंत केदार सिंह जी से संपर्क किया तो पता चला कि अभिषेक का अल्ट्रासाउंड करवाना है जिससे उसकी बीमारी का पता चल सके। अल्ट्रासाउंड का खर्चा 8,000 रुपए था और केदार सिंह जी इस अवस्था मे नही थे कि अभिषेक का अल्ट्रासाउंड करवा सके। समूण परिवार ने तुरंत 10,000 रुपए केदार सिंह जी के खाते में प्राथमिक सहायता राशि के रूप मे भेज दी ताकि अल्ट्रासाउंड कर के बीमारी का पता चल सके।

सहायता राशि के कारण अभिषेक का अल्ट्रासाउंड हुआ फलस्वरूप ये पता चला कि अभिषेक PUJ Obstruction नामक एक बीमारी से गृसित था और जिसका ऑपरेशन के खर्च तकरीबन 90,000 रुपए है । समूण फाउंडेशन के द्वारा अस्पताल मे लगातार वार्तालाप के फलस्वरूप ऑपेरशन की राशि 50,000 रुपये की गई । परंतु तेज बुखार और माता पिता की पूर्ण सक्रियता की कमी के कारणवश इलाज में देरी हुई। पहले अभिषेक को मिगलानी बाल चिकित्सालय में एडमिट करवाया गया लेकिन बाद में माता पिता की मर्जी से उसे न्यू भंडारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया तथा अभिषेक के इलाज के लिए 20,000 रुपये न्यू भंडारी अस्पताल मे चेक के माध्यम से समूण फाउंडेशन द्वारा जमा करवाया गया। बाद में पुनः अभिषेक को मिगलानी बाल चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया और न्यू भंडारी अस्पताल में जमा किये गए पैसो को भी चेक के माध्यम से पुनः मिगलानी बाल चिकित्सालय में जमा करवाया गया और 6,000 रुपए श्री केदार सिंह जी के खाते में बाहर से दान दाताओ द्वारा डारेक्ट भेजे गए। अभिषेक की 1 सफल सर्जरी हो चुकी है, तथा एक और सर्जरी होनी है जो प्रायः 1 महीने बाद होगी।

अभिषेक के इलाज के इस प्रकरण में समूण फाउंडेशन द्वारा कुल 36,000 रुपये दिए गए जिसमे श्री केदार सिंह जी के खाते में 10,000 रुपए पहले ओर फिर 6000 रुपए बाद में ओर 20,000 रुपए अस्पताल के खाते में डाले गए।

इस परोपकारी कार्य के लिए समूण फाउंडेशन अस्पताल प्रशासन का आभार व्यक्त करता है तथा अभिषेक के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ एवं सुखद जीवन की कामना करते हैं ।









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Sunday, 24 May 2020

कोरोना का हाहाकार














न सोचा था कभी कि, येसा भी दिन आयेगा
कोरोना नाम की बिमारी, ईतना हाहाकार मचायेगा
जो जहाँ फँस गया है, वहीँ फँसा रह जायेगा
अपनो से नजदीक रहकर भी अपनो से न मिल पायेगा


अपने ही घर मे जब कोई, महिनो बाद आएगा
जिसको देखो घर मे उसका, मुँह ढका ही पाएगा
हाथ मिलाना गले लगाना, किसी से न कर पायेगा
दुर से ही हाथ हिलाकर, १४ दिन का वनवास चले जायेगा
न सोचा था कभी कि ..........
कोरोना नाम की बिमारी ........


 माँ बाप के मर जाने पर बेटा, मुखाग्नि न दे पायेगा
पंडित जी फोन पर ही, अंतिम सँस्कार करवायेगा
करुणामय हर्दय की पीडा सिर्फ वही समझ पायेगा
जिसने खोया अपनो को और उनसे कभी न मिल पायेगा
न सोचा था कभी कि ..........
कोरोना नाम की बिमारी ........


 घाडी, घोडा, ट्रेन, जहाजेँ सब बंद हो जायेगा
पैँसे वालोँ का पैँसा भी कुछ काम न कर पायेगा
मजदूर तो बेबस है बेचारा, पैदल ही निकल जायेगा
कोई पहुँचेंगा घर को अपने, कोई भुखा प्यासा ही मर जायेगा
न सोचा था कभी कि ..........
कोरोना नाम की बिमारी ........ 


इस महामारी से लडने को कुछ कोरोना योधा बन जायेंगेँ
मानवता की सेवा को अपनी, जान न्यौछावर कर जायेंगे
रोते बिलखते अपने बच्चोँ को वह महोनोँ तक न मिल पायेंगे
येसा कोरोना योधाओँ का, हर कोई गुणगान गायेंगेँ
न सोचा था कभी कि ..........
कोरोना नाम की बिमारी ........
 
पीडा, दुख, दर्द का यह अशुभ समय टल जायेगा
सुख शांति और सौहार्द का सुभ समय फिर आयेगा
बैज्ञनिकोँ की शोध बहुत जल्द गुल खिलायेगा
कि इस महामारी की दवाई बहुत जल्दी बन जायेगा


न सोचा था कभी कि, येसा भी दिन आयेगा
कोरोना नाम की बिमारी, ईतना हाहाकार मचायेगा


© विनोद जेठुडी, 24 मई 2020