Wednesday, 26 August 2020

आशा आर्या की माता जी के स्वस्थ्य का हाल समाचार जानने समूण फाउंडेशन की दिल्ली टीम गुरुग्राम पहुंची

 12 July 2020

आशा आर्या की माता जी के स्वस्थ्य का हाल समाचार जानने समूण फाउंडेशन की दिल्ली टीम गुरुग्राम पहुंची और तत्काल सहायता राशि ₹10,000/- का चेक प्रदान किया और आगे भी प्रयासरत है ।

आपको बता दें कि ग्राम - एरोड, रानीखेत निवासी गोविंदी देवी जी बहुत समय से कैंसर से पीढ़ित है उनके पति स्व० बालकिशन जी का निधन 2 वर्ष पूर्व ही हो चुका है, इनके 3 बच्चे है जिसमे 2 लड़कियां और 1 लड़का है। सबसे बड़ी लड़की आशा आर्या है इसलिए परिवार के लालन पालन की जिम्मेदारी आशा के ऊपर आ गयी है जिसे आशा छोटी मोटी नौकरी करके बखूभी निभा भी रही थी लेकिन मां जी के केंसर का इलाज करना बहुत ही नामुमकिन हो गया फिर भी हिम्मत दिखा कर आशा ने जैसे तैसे कर्जा निकाल कर अपनी माँ जी गोविंद देवी जी (50 वर्ष ) का इलाज नारायण हॉस्पिटल गुड़गांव में करवाया और अभी भी चल रहा है पर अब उनके पास इलाज के लिए पैसे नहीं है ।
इस परिवार के सहायतार्थ जिन लोगों ने दान दिया उनका आभार एवँ बाकी लोगों से भी यथासंभव दान की अपील करते हैं ।

समूण परिवार
मानवता की सेवा हेतु समर्पित
प्लीज #शेयर करके सहयोग करें ।


 

5 साल की नन्ही सी गुडिया अदिती नेगी का देहांत

11 July 2020

हमें आपको यह बताते हुए बहुत ही दुःख हो रहा है कि 5 साल की नन्ही सी गुडिया अदिती नेगी को बचाने में हम सफल नहीं रहे और अदिति अब हमारे बिच में नहीं है, आज ही सुबह समूण फाउंडेशन की टीम अदिति को हॉस्पिटल में मिलके आये थे और इलाज के लिए ₹10,000/- का चेकभी दिया था ।
प्रभु इस नन्ही सी आत्मा को अपने चरणों में स्थान दे और परिवार को यह दुःख सहने की शक्ति । उन सभी दान दाताओ का आभार जिन्होने अदिति को बचाने हेतु दान दिया था और हर संभव कोशिश की थी।
शांति ॐ
ॐ नम: शिवाय

Date :- 04.07.2020

5 साल की अदिती नेगी के इलाज के लिए सहयोग की अपील
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मात्र 5 साल की अदिती नेगी पुत्री कुलदीप सिंह नेगी, ग्राम कंडीया तल्ला, पो.औ. - रिखणीखाल कंदिया , जिला - पौड़ी गढ़वाल कुछ दिनो पहले खेलते खेलते अचानक गिर गयी थी तो परिवार वालों ने गाँव मे ही प्राथमिक उपचार के बाद अपने दैनिक कार्यों मे ब्यस्त हो गये, लेकिन बेटी अदिती के सर की चोट धीरे धीरे बढ़ती गई और अन्त मे अदिती को देहरादून जैली ग्रांट में दिमाग की सर्जरी करवानी पडी और फिर वहां से रेफर इन्द्रेश हॉस्पिटल मे ऐडमिट के बाद अभी आई सी यू में भर्ती है |

आज मासुम अदिती नेगी जीवन रक्षक यंत्र मे जिन्दगी और मौत की जंग लड़ रही है अभी तक मासूम अदिती की दिमाग की इक बार सर्जरी हो चुकी है तथा एक और सर्जरी होना बाकी है |

अदिती के पिता श्री कुलदीप सिंह जी सिडकुल हरिद्वार मे एक कंपनी मे हेल्पर की नौकरी करते थे लेकिन लौकडाउन के चलते वह नौकरी भी चली गई और पिछले 4 महिनों से बेरोजगार हैं। परिवार के पास जितना था लगा चुके है लेकिन अब आप सभी करुणामय हर्दय के सज्जनों से कुलदीप जी ने अदिती के इलाज हेतु सहयोग की अपील की है |

आप सभी सामर्थ्यवानो से निवेदन है कि यथा संभव सहयोग के हाथ बढाते हुए मासूम अदिती को नया जीवनदान देने हेतु सहयोग के हाथ बढायें | सहयोग नहीं भी कर पायें तो #शेयर अवश्य करें |

आप ज्यादा जानकारी के लिए अदिती के पिताजी श्री कुलदीप नेगी जी से उनके दिए गए नो. 8057231954 पर फ़ोन कर सकते है और अपनी सहयोग राशी निचे लिखे समूण एकाउंट में भेज सकते है |

PAYTM & GOOGLE PAY - 6395436883
AXIS BANK
A/C NUMBER : 914010040541847
A/C NAME : SAMOON FOUNDATION
BRANCH : CITY CENTRE RISHIKESH
IFSC CODE : UTIB0000156

समूण परिवार
मानवता की सेवा हेतु समर्पित
#Please_Share_To_Support

 




 

राजेन्द्र जी सफल सर्जरी के बाद जिदगी की जंग जीतकर घर वापस लौट गए है

 07 July 2020

आग में बुरी तरह जले राजेन्द्र जी को 2 हॉस्पिटल से निराशा के बाद फाइनली महंत इंद्रेश हॉस्पिटल देहरादून में सफल सर्जरी के बाद जिदगी की जंग जीतकर घर वापस लौट गए है ।
#समूण_फाउंडेशन ने राजेंद्र जी के इलाज के लिए हर संभव प्रयास किया और निरंतर उनके परिवार के साथ बने हुए थे तथा पल-पल की खबरें ले रहे थे ।

#समूण_फाउंडेशन द्वारा राजेन्द्र जी के इलाज के लिए ₹11000 की सहायता राशि प्रदान की गई ।

#समूण_परिवार राजेंद्र जी के सुखद जीवन की कामना करते हैं ।

समूण परिवार
मानवता की सेवा हेतु समर्पित

https://www.facebook.com/samoonforhumanity/videos/2624517054543493/

 

 

आशा जी की माताजी के इलाज के लिए मदद की गुहार

5 July 2020

विश्वास और उम्मीद दो ऐसे शब्द है जिनके सहारे इंसान बड़ी से बड़ी मुश्किलों का सामना कर जाता है। समूण फाउंडेशन उसी विश्वास और उम्मीद को पूरा करने के लिये हमेशा से ही तत्पर रहा है । ये सिर्फ एक फाउंडेशन ही नही एक परिवार है जो उत्तराखंड के लगभग सभी लोगो के लिए एक उम्मीद की किरण है और इसी उम्मीद के चलते ग्राम एरोडे, पोस्ट ऑफिस पंतकोटली, तहसील रानीखेत, जिला अल्मोड़ा की रहने वाली बालिका आशा आर्य ने जो कि वर्तमान मे गुरुग्राम में छोटी मोटी नौकरी कर रही है ने मदद के लिए समूण परिवार के समक्ष गुहार लगाई है। आशा आर्य कहती है कि पिछले दो वर्षों मे आशा आर्य जी के ऊपर दुखो का ऐसा अम्बर फूटा की उन्हें अपने माँ के इलाज के लिये समूण परिवार से मदद मांगनी पड़ी। इन 2 वर्षो मे आशा जी के पिताजी का देहांत हो गया व उनकी माताजी श्रीमती गोविंदी देवी जी को लीवर कैंसर की बीमारी से ग्रसित है। आशा जी गुरुग्राम मे ही छोटी सी नौकरी करके अपनी माताजी का इलाज तथा अपने 2 छोटे भाई बहनो की परवरिश का जिम्मा उठा रही है। उनकी माताजी का इलाज़ दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल से आयुष्मान भारत योजना के तहत चल रहा था, लेकिन वर्तमान मे लॉक डाउन की इस स्तिथि मे सफदरजंग से इलाज नही हो पा रहा है और उन्हें मजबूरी में गुरुग्राम के ही नारायणा हॉस्पिटल से इलाज करवाना पड़ रहा है। इसलिए आशा आर्य जी ने समूण परिवार से मदद की गुहार लगाई है।

आप सभी दान दाताओ से से उम्मीद है कि आप आशा आर्य जी की माता जी के इलाज के लिए यथा संभव सहयोग के हाथ बढ़ाओगे आप आशा आर्य जी से उनके मोबाइल नंबर है पर सम्पर्क कर सकते है :- 8650922680

हमे आशा ही नही पूर्ण विश्वास है कि आप मानवता की सेवा मे समूण परिवार के माध्यम से परोपकारीता के भागीदार जरूर बनेगें आप छोटा सा अमाउंट भी गूगल पे य पेटीएम के माध्यम से दे सकते है।

AXIS BANK
A/C NUMBER: 914010040541847
A/C NAME: SAMOON FOUNDATION
IFSC CODE : UTIB0000156
PAYTM &GOOGLE PAY 6395436883

लक्ष्मी बहुगुणा उनियाल
समूण परिवार
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मैं गाय बोल रही हूँ ......

1 July 2020

मैं गाय बोल रही हूँ ......
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वही गाय, जब आप बच्चे थे, कक्षा दो – तीन में पढ़ते थे, तब अध्यापक आपको मुझ पर दस पंक्तियों का एक निबंध लिखने के लिए कहते थे तो आप क्या लिखते थे? गाय के दो सींग होते हैं, चार पैर होते हैं। गाय एक बहुत ही उपयोगी पशु है। गाय के गोबर से खाद बनती है और उपले बना कर जला कर भोजन भी बनाया जाता है। गो मूत्र और गोबर का उपयोग पूजा में भी होता है। मरने के बाद भी गाय उपयोगी रहती है। उसकी खाल भी काम आती है, उससे जूते तथा अनेक प्रकार के सामान बनते हैं। गाय को माँ समान दर्जा दिया जाता है क्योंकि उसका दूध माँ के दूध वाले ही गुण रखता है। यही सब मेरे बारे में लिखा और पढ़ा जाता था। एक समय था जब मुझे पूजा जाता था और मेरी पुंछ पकड़ कर वैतरणी पार कर के स्वर्ग लोक के द्वार खुल जाते थे। घर में पकने वाली पहली रोटी मुझे ही दी जाती थी। मेरा सामाजिक और आर्थिक दर्जा होता था। मैं हर घर में एक अमूल्य प्राणी की तरह रहती थी। मेरा सम्मान किसी इंसान के सम्मान से भी अधिक होता था। मेरी सेवा करने को लोग अपना परम कर्तव्य होता मानते थे। वह भी समय था जब लोग मेरी सेवा के अवसर पा कर स्वयं को सौभाग्यशाली समझते थे क्योंकि वह मुझे माँ समान दर्जा देते थे। आज जब जन्म देने वाली माँ को भी इंसान घर से निकाल देता है तो उसकी नज़र में मेरी क्या औकात है।

आज लोग जब तक मैं दूध देती हूं तब तक मुझे पालते हैं और जैसे ही दूध देना बंद कर देती हूं तो मुझे घर से निकाल देते हैं और सड़कों पर लावारिस छोड़ आते हैं । यदि मैं वापस घर आने की कोशिश करता हूँ और घर के समीप आता हूँ तो लोग मुझे लाठी-डंडों से मार मार के भगा देते हैं। बहुत दिनों भूखी और प्यासी रहती हूं, गला सुख जाता है आँखों से आँशु बहते है लेकिन हे मनुष्य काश कि तेरे को मेरे यह आँशु और दर्द दिख पाता । हे मनुष्य कभी-कभी तो तू इतना गिर जाता है कि मुझे जंगल में रस्सियों के सहारे बांध देता है और मुझे मरने के लिए छोड़ देता है और धीरे धीरे भूखे प्यासे रहते हुए महीनों बाद मेरे प्राण निकलते है । क्या आपने कभी सोचा कि मेरी जगह आप और आपके जगह मैं होती तो कैसा होता ?

मनुष्य को दयालु प्राणी कहा जाता है ! आखिर कहां गई तेरी वह दया भावना जब मेरे ऊपर डंडों और पत्थरों से वार होता है तो ऐसा प्रतीत होता है कि मैं कोई प्राणी नहीं बल्कि निर्जीव वस्तु हूं जिसे बिल्कुल भी दर्द नहीं होता । हे मनुष्य यदि तू यूंही ही प्राणियों पर दया नहीं करोगे तो प्राणियों के श्राप का बहुत ही दुखद परिणाम होंगे जो एक उदाहरण के तौर पर आप आजकल कोरोना के रूप में भी देख रहे हो ।

हे मनुष्य अभी भी संभल जाओ और प्राणियों पर दया करो ।

आपकी ......
दर दर भटकती
डंडों और पत्थरों से मार खाती
आपकी भूखी प्यासी गाय माता ।




 

श्री राजेन्द्र सिंह चौहान के इलाज के लिए समूण फाउंडेशन ने आर्थिक मदद की

28 June 2020

ग्राम सभा किरोड़, पट्टी भरपूर तहसील देवप्रयाग के निवासी श्री राजेन्द्र सिंह चौहान पुत्र स्वर्गीय श्री करण सिंह चौहान जी जो कि कुछ दिन पहले मिर्गी के दौरे पड़ने के दौरान आग में झुलस गए थे ऋषिकेश सरकारी हॉस्पिटल में प्रारंभिक उपचार के बाद 16 दिन कोरोनेशन अस्पताल दून में इलाज चला जिसके बाद उनको श्री महंत इंद्रेश अस्पताल में रेफर किया गया था और वहाँ पर इलाज चल रहा है ।

यहाँ पर प्राथमिक उपचार के बाद उनको प्लास्टिक सर्जरी वार्ड में भर्ती किया गया था । कोरेनेशन हॉस्पिटल ने उनके बचने की संभावनाएं बहुत कम बताने के बाबजूद इंद्रेश हॉस्पिटल में उनके स्वस्थ में बहुत अच्छा असर हो रहा है । कल दिनांक 29.06.2020 को एक सर्जरी होगी जिसके लिए O+ ब्लड की आवश्यकता पड़ने पर कुछ मानवता प्रेमी दानदाताओ के माध्यम से ब्लड की ब्यवस्था हो चुकी है, जबकि इस कोरोना काल मे रक्त दान करने के लोग काफी डरे हुए है ।

हालांकि इलाज स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से हो रहा है फिर भी बाकी के खर्चो के लिए ऑनलाइन बैंकिंग के माध्यम से राजेन्द्र जी के इलाज के लिए समूण फाउंडेशन के द्वारा उनके भाई जयपाल सिंह चौहान जी के एकाउंट में ₹11,000/- ट्रांसफर कर दिए गए है ।

समूण परिवार राजेन्द्र चौहान जी के जल्द पूर्ण रूप से स्वस्थ होने की कामना करते है । 🙏🏻

समूण परिवार
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समूण फाउंडेशन के कार्यो को सम्मानित समाचार पत्रों मे प्रकाशित

समूण फाउंडेशन के कार्यो को अपने सम्मानित समाचार पत्रों मे प्रकाशित करने के लिए देवप्रयाग के सुप्रसिद्ध पत्रकार प्रभाकर जोशी जी एवं राजेश जी का समूण परिवार की ओर से हार्दिक धन्यवाद!


आशा करते है आपका आशीर्वाद और सहयोग आगे भी इसी तरह से समूण फाउंडेशन को निरंतर मिलता रहेग! 

 





 

स्वर्गीय जयपाल नेगी जी के परिवार को आर्थिक मदद

15 June 2020

स्वर्गीय जयपाल नेगी जी के परिवार के लिए एक छोटी सी सहायता राशी रुपए 11,000/- का चेक उनकी धर्मपत्नी कोमल नेगी जी को समूण फाउंडेशन के सदस्यों द्वारा प्रदान किया गया |

जो कलाकार हमारी बोली-भाषा, संस्कृति, साहित्य और संगीत को बचाए रखने के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर देते हैं ऐसे में हम सभी का भी दायित्व बनता है कि ऐसे कलाकारों के परिवार के लिए सहयोग के हाथ बढ़ाएं ।

समूण परिवार
मानवता की सेवा हेतु समर्पित

 





समूण फाउंडेशन की ओर से राजेन्द्र जी के इलाज के लिए एक छोटी सी धनराशि एकत्रित करने हेतु आपसे अपील की जाती है।

14 June 2020

कुछ दिन पहले जब राजेन्द्र जी अपने लिए खाना बना रहे थे तो तभी अचानक उन्हें मिर्गी के दौरे पड़ गए जिससे वह जलते हुए चूल्हे में छाती के बल गिर गए और पूरी छाती बहुत बुरी तरह जल गई और इंटरनल ऑर्गन में भी असर पड़ गए । तत्काल राजेंद्र जी को एंबुलेंस के माध्यम से ऋषिकेश के सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया लेकिन हालत को नाजुक देखते हुए देहरादून के सरकारी हॉस्पिटल में रेफर कर दिया गया ।

देहरादून के सरकारी हॉस्पिटल में आज मेरी डॉक्टर से जब बात हुई तो डॉक्टर ने बताया कि उनको बचाना बहुत ही मुश्किल है, यदि तत्काल एक सर्जरी कर दी जय तो शायद उन्हें बचाया जा सकता है, लेकिन इस सर्जरी के सफल होने की भी गारंटी नही है ।

आपको बता दें कि 36 वर्षीय राजेन्द्र जी किरोड गांव टिहरी गढ़वाल के मूल निवासी है और मिर्गी की बीमारी के बजह से अमानवीय जीवन जीने पर मजबूर थे । कुछ साल पहले पंजाब में सकुशल अपनी नौकरी कर रहे थे, लेकिन जब से बीमारी लगी है, तब से घर में अकेले ही रहते थे । माता-पिता भी अब इस दुनिया से चल बसे और भाई इतने सक्षम नहीं है कि उनकी देखरेख के लिए हर समय उनके साथ रह सकें । जब कभी उन्हें मिर्गी के दौरे पड़ते हैं तो वह कभी जलती हुई आग में तो कभी पहाड़ों से तो कभी घर की छत से नीचे पत्थरों में गिर जाते हैं जिस कारण उन्हें गंभीर चोटें लग जाती थी और इसी बीमारी के कारण आज वह जिंदगी और मौत के साथ लड़ रहे है।

समूण फाउंडेशन ने उनके आगे की इलाज के लिए तथा रहने के लिए एक आश्रम में भी बात कर रखी थी और कोविड-19 के खत्म होते ही उनको उस आश्रम में शिफ्ट करने का भी विचार बनाया था लेकिन तब तक यह घटना हो गई । स्वास्थ्य कार्ड न होने के कारण इलाज में विलंब हो रहा था लेकिन आज स्वास्थ्य कार्ड भी बनवा दिया गया है।

समूण फाउंडेशन की ओर से राजेन्द्र जी के इलाज के लिए एक छोटी सी धनराशि एकत्रित करने हेतु आपसे अपील की जाती है।

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फाइनली डेढ़ साल के अभिषेक का सफल ऑपरेशन हो चुका है

 09 June 2020

फाइनली डेढ़ साल के अभिषेक जो कि जन्म से ही एक बीमारी PUJ OBSTRUCTION से ग्रसित था का सफल ऑपरेशन हो चुका है । गरीब माता पिता बेटे के इलाज करवाने में समर्थ नही थे लेकिन समूण फाउंडेशन के कोशिशों के फलस्वरूप यह सफल हो पाया है ।

बच्चे को बहुत ज्यादा बुखार आने के कारण और माता पिता द्वारा सक्रियता न दिखाते हुए निरंतर दो-तीन हॉस्पिटल्स में बच्चे को एडमिट और डिसचार्ज भी सर्जरी में देरी का मुख्य कारण है। पहले बच्चें को मिगलानी बाल चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया लेकिन माता पिता ने यहां से न्यू भंडारी हॉस्पिटल में बच्चे को अपनी मर्जी से शिफ्ट कर दिया, हमने न्यू भंडारी हॉस्पिटल के अकाउंट में ₹20000 ट्रांसफर भी कर दिए थे लेकिन पुनः माता-पिता द्वारा बच्चे को वापस मिगलानी बाल चिकित्सालय में भर्ती कराया गया और जो पैसे हमने न्यू भंडारी हॉस्पिटल को दिए थे उन्होंने चेक के माध्यम से मिगलानी हॉस्पिटल को ट्रांसफर कर दिए है और अब बच्चे का सफल ऑपरेशन हो गया है ।

समूण फाउंडेशन की टीम पिछले 1 महीने से निरंतर हॉस्पिटल में डॉक्टरों से संपर्क कर रही थी और इस ऑपरेशन के लिए हॉस्पिटल से नेगोशियशन करते हुए 90 हजार की सर्जरी को 50 हजार में तक ले आयी ।

अभिषेक की सर्जरी के लिए समूण फाउंडेशन के कोशिशों के फलस्वरूप पहले ₹10,000 फिर ₹20,000 और डायरेक्ट अभिषेक के पिताजी केदार सिंह के अकाउंट में लगभग ₹6,000 की धनराशि ट्रांसफर हो चुकी है इस तरह से कुल ₹36,000 रुपये अभी तक प्रदान किये जा चुके हैं । डॉक्टरों ने बताया कि अभी अभिषेके की एक और सर्जरी एक महीने बाद होगी ।

समूण परिवार अभिषेक के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ एवं सुखद जीवन की कामना करते हैं ।

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