14 June 2020
कुछ दिन पहले जब राजेन्द्र जी अपने लिए खाना बना रहे थे तो तभी अचानक उन्हें मिर्गी के दौरे पड़ गए जिससे वह जलते हुए चूल्हे में छाती के बल गिर गए और पूरी छाती बहुत बुरी तरह जल गई और इंटरनल ऑर्गन में भी असर पड़ गए । तत्काल राजेंद्र जी को एंबुलेंस के माध्यम से ऋषिकेश के सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया लेकिन हालत को नाजुक देखते हुए देहरादून के सरकारी हॉस्पिटल में रेफर कर दिया गया ।
देहरादून के सरकारी हॉस्पिटल में आज मेरी डॉक्टर से जब बात हुई तो डॉक्टर ने बताया कि उनको बचाना बहुत ही मुश्किल है, यदि तत्काल एक सर्जरी कर दी जय तो शायद उन्हें बचाया जा सकता है, लेकिन इस सर्जरी के सफल होने की भी गारंटी नही है ।
आपको बता दें कि 36 वर्षीय राजेन्द्र जी किरोड गांव टिहरी गढ़वाल के मूल निवासी है और मिर्गी की बीमारी के बजह से अमानवीय जीवन जीने पर मजबूर थे । कुछ साल पहले पंजाब में सकुशल अपनी नौकरी कर रहे थे, लेकिन जब से बीमारी लगी है, तब से घर में अकेले ही रहते थे । माता-पिता भी अब इस दुनिया से चल बसे और भाई इतने सक्षम नहीं है कि उनकी देखरेख के लिए हर समय उनके साथ रह सकें । जब कभी उन्हें मिर्गी के दौरे पड़ते हैं तो वह कभी जलती हुई आग में तो कभी पहाड़ों से तो कभी घर की छत से नीचे पत्थरों में गिर जाते हैं जिस कारण उन्हें गंभीर चोटें लग जाती थी और इसी बीमारी के कारण आज वह जिंदगी और मौत के साथ लड़ रहे है।
समूण फाउंडेशन ने उनके आगे की इलाज के लिए तथा रहने के लिए एक आश्रम में भी बात कर रखी थी और कोविड-19 के खत्म होते ही उनको उस आश्रम में शिफ्ट करने का भी विचार बनाया था लेकिन तब तक यह घटना हो गई । स्वास्थ्य कार्ड न होने के कारण इलाज में विलंब हो रहा था लेकिन आज स्वास्थ्य कार्ड भी बनवा दिया गया है।
समूण फाउंडेशन की ओर से राजेन्द्र जी के इलाज के लिए एक छोटी सी धनराशि एकत्रित करने हेतु आपसे अपील की जाती है।
समूण परिवार
मानवता की सेवा हेतु समर्पित
प्लीज #शेयर टू सपोर्ट
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