Monday, 17 October 2022

गौशाला के रिपयरिंग(मरम्मत ) हेतु संस्था के निवेदन पर "समूण फाउंडेशन" द्वारा कुल 32,000/- के लागत से मरम्मत का कार्य करवाया गया था।

 DATED: 30 JANUARY 2022 (SUNDAY)

गोवंश का इतिहास मनुष्य और सृष्टि के प्रारम्भ से शुरु होता है, पृथु मनु ने गोदोहन किया और पुथ्वी पर कृषि का प्रारंभ किया और यह धरा पृथ्वी कहलाई । मानव संरक्षण, कृषि और अन्न उत्पादन में गोवंश का अटूट सहयोग और साथ रहा है, इसी कारण हर एक शास्त्र वेद पुराण गोमहिमा से भरे है, लेकिन आज गाय की जो दुर्दशा हो रही है वह बहुत ही अमानवीय एँव दयनीय है । 

आज लोग जब तक गाय दूध देती है तब तक गाय को पालते हैं और जैसे ही गाय दूध देना बंद कर देती है तो घर से निकाल देते हैं और सड़कों पर लावारिस छोड़ आते हैं ।यदि गाय वापस घर आने की कोशिश करती है और घर के समीप आती है तो लोग लाठी-डंडों से मार मार कर भगा देते हैं। बहुत दिनों तक सडकोँ पर भूखी और प्यासी रहते हुए आँखों से आँशु बहते है और कभी कभी गाडी के एक्सीडेँट से घायल गाय यही  सडक के किनारे तडप तडप कर दम तोड देती है ।

करोड़ों रुपयों के बजट भी गाय के अच्छे दिन नहीं ला सके। मौजूदा चुनाव व राजनीति का प्रमुख दांव गौमाता की दुर्दशा का अंदाजा गौशालाओ व सड़को पर आए दिन दुर्घटनाओं में गाय की अकाल मृत्यु से लगाया जा सकता है । आज हालात ये है कि इस मूक पशु के संरक्षण की ज़िम्मेदारी लेने को कोई सरकार कोई संगठन तैयार नही,गाय सिर्फ राजनीति के नारों मे जरूर ज़िंदा है। सरकार चाहे तो सड़को, राजमार्गो व गली मोहल्लों में भूख-प्यास व बीमारियों से मरती गायों का ज़िला स्तर पर चारागाह व सरकारी भूमि मे संरक्षण कर सकती है, जँहा गोबर व गौमूत्र से जैविक खाद व जैविक कीटनाशक बनाए जा सकते हैं। सरकार गौमूत्र, वर्मी कम्पोस्ट व वर्मीवाश का उत्पादन कर सस्ती दरों पर किसानों को उपलब्ध करा सकती है । 

मनुष्योँ की भलाई एँव सेवा के लिए बहुत सारी सँस्थाएँ कार्य कर रही है लेकिन गौ माता की सेवा के लिए देवप्रयाग मे एक सँस्था अरण्यक जन सेवा संस्था द्वारा एक गौशाला अरण्यक गौशाला केंद्र का निर्माण किया गया है जहाँ पर वह बेसहारा और लावारिश गायोँ की देख रेख कर रहेँ जिसकी हम भुरी भुरी प्रशंसा एँव सराहना करते हैँ । उस समय  मे आई बारिश  के कारण गौशाला का टीन शेड क्षतिग्रस्त हो गया था।  जिसकी मरम्मत  के लिए सँस्था द्वारा हमारी सँस्था “समूण फाउंडेशन” से सहयोग मांगा गया था। समूण फाउंडेशन ने इस संबंध मे अपने सम्मानित सदस्यों एव् अपने सोशल  प्लेट फोरम पर इस सम्बंध मे पोस्ट शेयर कर सहयोग मांगा। 










समूण फ़ाउंडेशन के सौजन्य से देवप्रयाग में "अरण्यक जन सेवा संस्था" द्वारा संचालित गौशाला के जीर्णोद्धार का कार्य पूर्ण हो चुका था । इस गौशाला के रिपयरिंग हेतु संस्था के निवेदन पर "समूण फाउंडेशन" द्वारा कुल 32,000/- के लागत से मरमत का कार्य करवाया गया था  । आज मतलबी प्रवृत्ति के मनुष्य के कारण दर-दर भटकती अबोल गाय माता धूप, बारिश, ठंड से दर दर भटकने पर मजबूर है और कभी कभी गाड़ी की टक्कर दुर्घटना का शिकार हो जाती है ऐसे बेजुबान गौमाता की रक्षा के लिए अरण्यक जन सेवा संस्था द्वारा देवप्रयाग में यह गौशाला चलाया जा रहा है। अरण्यक जन सेवा संस्था एवँ समूण परिवार परिवार के सभी सम्मानित सदस्यों का बहुत बहुत आभार।















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