Date: 4 Oct 2020
अपने बेटे को जिंदगी और मौत के बीच झूलते हुवे देखना किसी भी माँ - बाप के लिए कितना कष्टकारी होता है यह कोई सोच भी नहीं सकता है और यदि वह माता पिता अपने बेटे का इलाज करवाने मे असमर्थ हो तो उनके दुख का अंदाज़ा भी नहीं लगाया जा सकता |
ऐसे ही कष्ट व पीड़ा से हरीश रावत जी भी गुजर रहे हैं जो मुलत: रानीखेत, अल्मोड़ा के मूल निवासी हैं |हरीश जी खेती बाड़ी करके अपने परिवार का पालन पोषण करते है । हरिश जी के 4 बच्चे हैं 2 लड़के व 2 लड़कियां |सबसे बड़ी लड़की की शादी हो चुकी है, बाकी के ३ बच्चे अध्यंरत है जिसमे से सबसे छोटे बेटे अजय की तबीयत बहुत खराब है जो की अभी मात्र 16 साल का है और अजय की दोनों किडनियाँ खराब हो चुकी हैं | अभी अजय का इलाज हल्द्वानी के एक प्राइवेट हॉस्पिटल #कृष्णा_हॉस्पिटल में चल रहा है।
हफ्ते मे दो बार डायलसिस करवाया जा रहा है लेकिन हरीश जी की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उन्हे बेटे के इलाज में बहुत कठिनाई हो रही है क्योंकि न तो उनके पास कोई नौकरी है और न ही कोई परिवार में साथ देने वाला, जैसे तैसे करके लोगों से कर्जा मांग कर वह अपने बेटे का इलाज करवा रहे हैं |अजय बेटे का नाम आयुष्मान कार्ड में भी नहीं है कि जिससे की आयुष्मान कार्ड से उसका इलाज हो जाय ऐसे में उन्होने समूण फ़ाउंडेशन के माध्यम से आम जनमानस से सहयोग की गुहार लगाई है।
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