दोस्तों, उस समय उत्तराखंड के लिए कई विकट परिस्थितियों से भरा थे । एक ओर जहाँ दुकानों पर ताले लगे थे। वहीं लोगों के सामने दवाइयों के साथ-साथ राशन पानी जुटा पाना भी एक चुनौती थी । गांव में राशन नहीं पहुंच पा रहा था , दवाइयां पूरी नहीं हो पा रही थी और लोग गांव गांव जहां-तहां बुखार से पीड़ित थे । ऐसे में जरूरत थी इस समय उन्हें सही मार्गदर्शन और उनके खानपान की जरूरत को व्यवस्थित एवं सुचारू रूप से जारी रखने की। इसी पहल को सरवोपरि रखते हुए मानवता की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहने वाले समूण फाउंडेशन ने बीड़ा उठाया था । गांव गांव मास्क, सैनिटाइजर, ऑक्सीमीटर और राशन वितरण के साथ-साथ लोगों की जरूरी चीजों को पूरा करने का था । इसकी शुरुआत देहरादून,रुद्रप्रयाग और टिहरी से शुरू हो चुकी थी । इसी सिलसिले में समूण फाउंडेशन नेकुछ समय से देवप्रयाग में मास्क व सेनिटाइजर तो ऋषिकेश और देहरादून में कई जरूरतमंदों को राशन वितरीत किया था ।
वहीं टिहरी जिले के अखोडी स्थित बाजियाल गांव में भी समूण फाउंडेशन ने जरूरतमंद,गरीब एवं असहाय परिवारों को राशन की किटें भेंट की थी।
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